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2020-05-19

Pneumonia Kya Hota Hai? Definitions, Symptoms, Treatment, Pneumonia Bacteria Name, Pneumonia Se Bachane Ke Gharelu Upchar Ke Bare Me Jankari

Pneumonia Kya Hota Hai?

फेफड़े में संक्रमण (इंफेक्शन) को निमोनिया कहा जाता है। यह इंफेक्शन ज्यादातर मामलों में जीवाणुओं (बैक्टीरिया) के कारण होता है। इस मर्ज में एक या दोनों फेफड़ों के भागों में सूजन आ जाती है और फेफड़ों में पानी भी भर जाता है।


निमोनिया रोग होने के कारण और निमोनिया बैक्टीरिया नाम


न्यूमोकोकस, हीमोफिलस, लेजियोनेला, माइकोप्लाज्मा, क्लेमाइडिया औरस्यूडोमोनास आदि जीवाणुओं से निमोनिया होता है। इसके अलावा कई वाइरस (जो इंफ्लूएंजा और स्वाइन फ्लू के वाहक हैं), फंगस और परजीवी रोगाणुओं के कारण भी निमोनिया होता है।


भारत में प्रतिवर्ष संक्रामक रोगों से होने बाली मौतों में से लगभग 20 फीसदी निमोनिया की वजह से होती हैं। इसके अलावा अस्पताल में होने वाले संक्रामक रोगों में यह बीमारी दूसरे स्थान पर है।


इन्हें है ज्यादा खतरा


वैसे तो यह संक्रमण किसी को भी हो सकता है, पर कुछ बीमारियां और स्थितियां ऐसी हैं, जिसमें निमोनिया होने का खतरा अधिक होता है। जैसे शराब और नशे से पीड़ित मरीज, हृदय,फेफड़े और लिवर की बीमारियों के गंभीर मरीज। इसी तरह डायबिटीज, गंभीर किडनी रोग, वृद्ध, कम उम्र के बच्चे और नवजात शिशु, कैंसर और एड्स के मरीज। ऐसे मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।


संक्रमण तीन तरह से


• सांस के रास्तेः खांसने या छींकने से।

खून के रास्तेः डाइलिसिस के कारण। अस्पताल में ऐसे मरीज जो लंबे समय से इंट्रा-वीनस फ्लूड पर हैं, या दिल के ऐसे मरीज जो पेस मेकर पर हैं।

एसपिरेशनः खाद्य पदार्थों के सांस की नली में चले जाने को एसपिरेशन कहते हैं।

जांचें : खून की जांच, सीने का एक्स-रे, बलगम की जांच और कल्चर की जांच । रक्त की कल्चर जांच आदि।

प्रमुख इलाज: एंटीबॉयटिक्स दवाओं से इलाज होता है। इन दवाओं का इलाज मरीज की बीमारी का कारण बने जीवाणु पर निर्भर करता है। अधिकतर मरीज बाह्य रोगी विभाग द्वारा इलाज करा सकते हैं, पर अगर यह मर्ज किसी अन्य बीमारी के साथ जुड़ा हुआ है और 60 साल से अधिक की उम्र के व्यक्ति को हुआ है या रोगी गंभीर रूप से बीमार है, तो अक्सर अस्पताल में भर्ती होकर इलाज कराना पड़ सकता है। एंटीबॉयटिक दवाओं के अतिरिक्त अगर मरीज की सांस तेजी से फूल रही है, तब पीड़ित व्यक्ति को ऑक्सीजन भी दी जाती है।


प्रमुख लक्षण


1. तेज बुखार (जोड़ों में दर्द के साथ)।

2. खांसी और बलगम (जिसमें कई बार खून के छीटें भी हो सकते हैं)।

3. सीने में दर्द और सांस फूलना।

4. कुछ मरीजों में दस्त, मतली और उल्टी आना।

5. व्यवहार में परिवर्तन जैसे मतिभ्रम, चक्कर आना, भूख न लगना, मांशपेशियों में दर्द,सर्दी लगकर शरीर ठंडा पड़ जाना, सिरदर्द और त्वचा का नीला पड़ना आदि।


निमोनिया रोग से बचने के घरेलू उपाय


1. चूंकि यह बीमारी ठंड के मौसम में ज्यादा होती है। इसलिए ठंड से बचना चाहिए खासकर बच्चों और वृद्ध लोगों को।

2. धूमपान, शराब और सभी तरह के नशा का पूर्णतः त्याग करना।

3. डायबिटीज और अन्य बीमारियों को नियंत्रण में रखना। मधुमेह के मरीजों को अपने डॉक्टर से शुगर की नियमित जांच करवाते रहना चाहिए और शुगर को नियंत्रण में रखना चाहिए।

4. निमोनिया का सबसे प्रमुख कारण न्यूमोकोकस नामक जीवाणु है। इससे इससे बचने का वैक्सीन (टीका) उपलब्ध है, जिसे न्यूमोकोकल वैक्सीन कहते हैं।

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