Job Ya Naukari Pane Ke Liye Khud Ko Jachana Kitna Jaruri Hain Jane…...
Job / Naukari Pane Ke Liye Behtari Sujhav Kya Hai?
एक्स्ट्रा शॉट कनीकी या गैर-तकनीकी कोर्स करके निकलने वाले तमाम युवा अगले कई साल नौकरी की तलाश करते हुए गवां देते हैं। इसके बावजूद ज्यादातर को उपयुक्त नौकरी नहीं मिल पाती। बहुत कम को ही मनपसंद या रुचि की नौकरी मिल पाती है। अधिकंतर को कहीं न कहीं एडजस्ट ही होना पड़ता है। उसमें भी उन्हें संतोषजनक सैलरी नहीं मिल पाती। उधर, ज्यादातर संस्थानों के एचआर विभाग की चिंता यह है कि उन्हें ऐसे उपयुक्त एम्लॉयी नहीं मिल पाते, जिनकी उन्हें संस्थान के कार्यों के लिए तलाश होती है। जो मिलते भी हैं, समुचित स्किल न होने के बावजूद उनकी अपेक्षाएं बहुत अधिक होती हैं। एचआर विभाग और संस्थान थोड़ा कंप्रोमाइज करते हए अगर उन्हें रख भी लेता है, तो और ज्यादा की तलाश में वे ज्यादा दिन टिकते नहीं। यह परेशानी कमोवेश आज के समय में अधिकतर संस्थानों की है। आखिर दिक्कत कहां है? क्या वाकई नौकरी की कमी है? या फिर ज्यादातर शिक्षण संस्थानों से निकलने वाले हमारे युवा ही पर्याप्त काबिल होकर नहीं निकल पा रहे हैं? बेशक कुछ कंपनियां घाटे की वजह से छंटनी के लिए मजबूर हैं। और वे नई नौकरियां देने में सक्षम नहीं हैं, लेकिन देखा जाए। तो ज्यादातर स्थापित संस्थानों में बड़ी संख्या में खाली पद इसलिए मिल जाएंगे, क्योंकि उनके लिए सक्षम अभ्यर्थी नहीं मिल पा रहे हैं।
रुचि की हो मंजिल
अगर आप अपनी पढ़ाई के आखिरी वर्ष में हैं और चाहते हैं कि पढाई समाप्त होने से पहले या उसके तुरंत बाद अच्छी-सी नौकरी मिल जाए, तो डिग्री या अंकों के भरोसे रहने की बजाय पहले से ही खुद को तैयार करना शुरू कर दें। सबसे पहले तो निरुद्देश्य आगे बढ़ने की बजाय अपनी रुचि का करियर चुन लें, चाहे वह निजी क्षेत्र से संबंधित हो या फिर सरकारी नौकरी से करियर का यह क्षेत्र किसी और से प्रभावित होने की बजाय आपके जुनून से जुड़ा होना चाहिए। ऐसा काम, जिसे करने के लिए आप अपनी भूख-प्यास तक भूला सकते हों। रुचि का क्षेत्र होने की स्थिति में आप अपना पूरा ध्यान उसी दिशा में दे पाएंगे और आपको बेवजह इधर उधर नहीं भटकना पड़ेगा। जो भी क्षेत्र चनें कुछ समय तक उससे संबंधित थोड़ी पढ़ाई या कामकाज को जानने-समझने का प्रयास करें। इससे पता चल सकेगा कि वास्तव में आपको उसमें मजा आ रहा है या नहीं। अगर शरुआत में वह उबाऊ लग रहा है, तो इसका मतलब यही होगा कि आपने वह क्षेत्र चुनने में जल्दबाजी कर दी। अच्छी तरह सोच-विचार नहीं किया। अगर आपके साथ भी ऐसा है, तो बिना देर किए अपनी रुचि के किसी अन्य क्षेत्र के बारे में सोचें। लेकिन अब आगे बढ़ने से पहले कुछ दिनों तक उस क्षेत्र की अपेक्षाओं के अनुसार अपनी पूरी परख कर लें। जब यह पक्का हो जाए कि आप उसके लिए उपयुक्त हैं और उसमें आपको मजा आ रहा है, तभी फिर आगे की तैयारी आरंभ करें।
न हो भटकाव
अगर आप कैंपस प्लेसमेंट में शामिल होना। चाहते हैं, तो इसके लिए सभी जरूरी मानकों के अनुसार खुद को पहले से ही तैयार करना शुरू कर दें। अगर किसी प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं, तो उसकी अपेक्षाओं और परीक्षा के सभी चरणों/पहलुओं के हिसाब से खुद की उपयुक्तता को अच्छी तरह परख लें। अक्सर ऐसा होता है कि संबंधित परीक्षा की अपेक्षाओं पर खुद को आंके बिना ज्यादातर अभ्यर्थी अपने कई साल उसमें गवां देते हैं और उपलब्धि के नाम पर उनके हाथ में 'जीरो' ही होता है। ऐसे में मानसिक रूप से उस सेवा के लिए खुद को तैयार कर चुके अभ्यर्थी ओवरएज होने की स्थिति में गहरी हताशा और कभी-कभी तो डिप्रेशन तक के शिकार हो जाते हैं। जो खुद को संतुलित रख पाने में सफल हो जाते हैं, अंततः उन्हें किसी छोटी-मोटी नौकरी में एडजस्ट होना पड़ता है। इसकी कसक उनके मन से शायद ही कभी निकल पाती है। बाद में इनमें से तमाम लोग अपनी उस अधूरी इच्छा को अपने बच्चों के जरिए पूरा करने की कोशिश करते हैं।
तैयार करें खुद को :
अच्छी तरह सोच-विचार के बाद पसंद का क्षेत्र चुन लेने के बाद बारी आती है, उसके मुताबिक खुद। को तैयार करने की। चाहे प्राइवेट सेक्टर हो या गवर्नमेंट, दोनों के लिए खुद को अलग तरीके से तैयार करने पर ध्यान देना होगा। बेशक आपकी डिग्री से न्यूनतम योग्यता पूरी होती हो, लेकिन यहां से आगे डिग्री का काम समाप्त और आपका काम शुरू हो जाता है। हजारों-लाखों प्रतिस्पर्धियों की भीड़ में। से अपना स्थान सुनिश्चित कराने के लिए आपको सही दिशा में जी-जान लगाकर तैयारी करनी होगी। प्रतियोगिता परीक्षा है, तो उसके सभी चरणों के सिलेबस को समझते हुए और पिछले कुछ वर्षों में पूछे गए प्रश्नों का अच्छी तरह विश्लेषण करते हुए अपनी तैयारी की रणनीति बनाएं। फिर उस पर पूरी तरह से अमल करें। ध्यान रखें, एक भी दिन आलस के शिकार न हों। दिल और दिमाग को मजबूत करके उत्साह के साथ तैयारी करें। अपने कमजोर पहलुओं को भी दूर करने पर ध्यान दें। अगर पहले प्रयास में कामयाबी न मिले, तो इससे निराश होने की बजाय इसे सीख की तरह लें। देखें कि आखिर आपसे चूक कहां हुई? उस चूक को यथाशीघ्र दूर करते हुए पूरे विश्वास के साथ फिर से अपनी तैयारी को आगे बढ़ाएं। अगर आप निजी क्षेत्र में कोई खास नौकरी करना चाहते हैं, तो इस बात पर जरूर गौर करें कि बदलते वक्त में इंडस्ट्री को उस नौकरी में किस तरह की स्किल की जरूरत होती है? ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यमों से उस स्किल में खुद को पारंगत करने का हरसंभव प्रयास करें। अगर कोई कोर्स करने की जरूरत हो, तो उसे भी किसी सक्षम संस्थान से जरूर कर लें। उससे संबंधित एडवांस टेक्नोलॉजी को इंटरनेट की मदद से अधिक से अधिक जाने-समझें और उसकी जमकर प्रैक्टिस करें।
ध्यान रखने वाली बातें:
1. निरुद्देश्य या किसी और को देखकर आगे बढ़ने की बजाय अपनी पसंद/जुनून को समझते हुए उसी दिशा से जुड़ा करियर क्षेत्र चुनने का प्रयास करें।
2. एक बार कोई क्षेत्रचुन लेने के बाद उससे संबंधित अपेक्षाओं पर खुद की उपयुक्तता की जांच-परख अवश्य करलें, ताकि यू-टर्न लेने या समय जाया करने की नौबत न आए।
3. अगर आपको लगता है कि आपके द्वारा चुना गया रास्ता बिल्कुल सही है, तो शुरुआत में कामयाबी न मिलने पर निराश होने की बजाय असफलता के कारणों की तलाश करते हुए उन्हें दूर करते हुए फिर से आगे बढ़ें।
4. अपने आत्मविश्वास का स्तर कम न होने दें।
5. उत्साह के साथ तब तक आगे बढ़ते रहें, जब तक कि आपको आपकी मंजिल न मिल जाए।
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