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2021-01-23

reedh ki haddi me dard kyu hota hai | reedh ki haddi ke dard ka ilaj


रीढ़ की हड्डी के दर्द का इलाज या रीढ़ की हड्डी में दर्द क्यों होता है कारण के बारे में जानकारी


लॉकडाउन ने बेशक घर में रहने के कारण

कोविड-19 से बचने का सुरक्षा कवच दिया

लेकिन वर्क फ्रॉम होम में गलत पोश्चर बन

सकता है स्लिप डिस्क का कारण...

कोविड-19 के संक्रमण ने जिंदगी को

बुरी तरह प्रभावित किया है। लॉकडाउन

के कारण कामकाजी लोगों को वर्क फ्रॉम

होम का फार्मूला अपनाना पड़ा। ढाई माह से

मार्निंग वॉक, जिम और घर से बाहर निकलना

बंद रहा। ऐसे में विशेषकर सर्विस सेक्टर से

जुड़े लोगों के सही ढंग से बैठने-उठने या

ठीक पोश्चर अपनाने की आदत भी बिगड़

गई। ऑफिस में चेयर पर सलीके से बैठकर

काम करने वाले लोग घर में सोफे, बेड, पलंग

या आराम से बेड पर तकिया लगाकर काम

निपटाने के आदी बनने लगे। इसी का परिणाम

है कि इस दौरान अधिसंख्य लोगों ने रीढ़ की



हड्डी से जुड़ी समस्याओं को पाल लिया।

फिट रहना है, तो व्यायाम के साथ ही सही

पोश्चर की आदत को न भूलें। क्योंकि भले

ही अनलॉक-1 का चरण शुरू हो गया है, मगर

शारीरिक दूरी के अनुपालन में बर्क फ्रॉम होम

का कल्चर अभी लंबा चलने वाला है।



सही हो पोश्चर: यह एक बड़ी सामान्य

बात है कि जब आप ऑफिस में रहकर

काम निपटाते हैं तो मन में अनुशासन का

भाव होता है और आपके उठने-बैठने का

तरीका या पोश्चर सही रहता है लेकिन जब

आप घर में होते हैं तो कामकाज का तरीका



बदल जाता है। लॉकडाउन के दौरान वर्क

फ्रॉम होम में आप काम तो करते रहे या अभी

भी कर रहे हैं लेकिन कभी तकिया लगाकर

बेड पर लैपटॉप से या सोफे पर आराम से

घंटों मोबाइल में बिजी रहकर समय बिता रहे

हैं। देश-दुनिया की खबर भी टीवी के सामने

अपनी सुविधानुसार लेटकर या बैठकर देखी

जा रही है पर आपने यह नहीं सोचा कि इससे

हमारे शरीर के जोड़ों या रीढ़ की हड्डी पर

कितना बुरा प्रभाव पड़ रहा है। रीढ़ की हड्डी

हो या जोड़ों की कोई परेशानी, इसका पहला

कारण हमारा सही पोश्चर, रीढ़ सीधी न रखने

और व्यायाम से दूर रहना होता है।


उठाएं लॉकडाउन की राहत का लाभ : अब

लॉकडाउन में काफी नरमी आई है, इसलिए

नियमों का पालन करते हुए व्यायाम और

मॉर्निंग वॉक पर निकलिए। वर्क फ्रॉम होम

जारी है तो ऑफिस की तरह ही सही पोश्चर

अपनाएं। हां, स्लिप डिस्क की समस्या से

पीड़ित रहे हैं अथवा फीजियोथेरेपी लेते रहे हैं

तो चिकित्सक की सलाह पर ही व्यायाम करें।

नजरअंदाज न करें इन लक्षणों को

.पीठ, गर्दन और शरीर के निचले हिस्से में

बहुत तेज दर्द। सिर चकराने के साथ ही

किसी अंग का सुन्न हो जाना।

शरीर के निचले हिस्से में कमजोरी या

अचानक लड़खड़ा जाना। अचानक कमर

या गर्दन में दर्द। उठने के साथ ही कुछ

क्षणों के लिए बेहोशी में चले जाना।

कुछ समय के लिए दिमाग खाली लगना या

आंखों के सामने अंधेरा छा जाना।

• गिरने या किसी दुर्घटना में गर्दन और कमर

में दर्द होने पर प्राथमिक उपचार के बाद भी

राहत न मिले और दर्द बढ़े तो संभावित है

यह रीढ़ की हड्डी से ही जुड़ी समस्या है।


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