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2021-02-18

future jobs in demand in india in hindi | भविष्य का करियर | भविष्य में करियर | भविष्य में नौकरी | future naukri | भविष्य जॉब

 





भविष्य की नौकरी के बारे में जानकारी या भविष्य में नौकरियो की डिमांड के बारे में


इन दिनों फ्यूचर जॉब्स यानी भविष्य की नौकरियोंकोलेकर खूब

चर्चाएं हैं।कहा जारहाहै कि न्यू एज टेक्नोलॉजीकीदखलबढ़ने के बाद अगले पांच सालों में लाखोंनईजॉब्ससामने आएंगी, जिनमें

रुतबाऔरपैसासबकुछहोगा।आइएजानें,उन उभरतीजॉब्सके

लिएकैसेखुदको तैयार करें...





आज जो नौकरियां हैं, क्या भविष्य में भी वे

रहेंगी? इसके बारे में इन दिनों तमाम तरह

की चर्चाएं हो रही हैं। कई रिपोर्ट्स में कहा

जा रहा है कि आज जो नौकरियां हैं, वे शायद भविष्य में

नहीं होंगी या फिर उसका स्वरूप अलग होगा। रिपोर्ट के

मुताबिक, अगले कुछ वर्षों में ऑटोमेशन, आर्टिफिशियल

इंटेलिजेंस (एआइ), डाटा माइनिंग और आइओटी से जुड़ी

जॉब्स का बोलबाला होगा। एक अनुमान के मुताबिक, पांच

साल बाद ऐसे भारतीय प्रोफेशनल्स की संख्या करीब 54

मिलियन (5.4 करोड़) तक हो जाएगी, जो एक नए तरह

की जॉब कर रहे होंगे। फिक्की-नैस्कॉम की 'फ्यूचर ऑफ

जॉब्स इन इंडिया' पर आई रिपोर्ट से भी यही संकेत मिलते

हैं कि आने वाले दिनों में आइटी/आइटीइएस, रिटेल,

फाइनेंशियल सर्विसेज, टेक्सटाइल ऐंड अपैरल और

ऑटो सेक्टर्स में सबसे ज्यादा नौकरियां आएंगी, जहां नई

तकनीक के जानकारों की सबसे अधिक मांग होगी। रिपोर्ट

की मानें, तो कुल कामकाजी (600 मिलियन) लोगों में से

ऐसे प्रोफेशनल्स की तादाद अगले पांच सालों में करीब 9

प्रतिशत तक होगी। गार्टनर के पूर्वानुमान के अनुसार, 2022 तक सिर्फ

एआइ की वजह से करीब 2.3 मिलियन (23 लाख) नौकरिन टीमिंग मैनेजर सामने आएंगी।



मैन-मशीन टीमिंग मैनेजर


भविष्य को जॉब्स में मैन मशीन टीमिंग मैनेजर्स की बहुत 


बड़ी भूमिका देखने को मिलेगी। कॉग्निजेंट के अनुसार,

भविष्य का कामकाज बहुत हद तक इस बात पर निर्भर

करेगा कि कोई कंपनी मशीनों के साथ मानवीय क्षमता का

'कितनी अच्छी तरह सदुपयोग कर सकता है। ऐसे में इन

प्रोफेशनल्स की प्रमुख भूमिका यही होगी कि रोबोट्स/एआइ

सॉफ्टवेयर की स्ट्रेंथ (एक्यूरेसी, स्पीड, कंप्यूटेशन) और

ह्यूमन स्ट्रेंथ (समझ-बूझ, निर्णय क्षमता) के तालमेल से

ऐसी हाइब्रिड टीम तैयार करें, जिससे बेहतर नतीजे मिलें।


एआइ बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर


एआइ (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का डंका अभी से

बजने लगा है। एआइ तकनीक से लैस रोबोट्स बड़ी-बड़ी

मशीनों को चलाने से लेकर घरों में झाडू-पोंछा और कंपनियों

में लोगों का इंटरव्यू तक कर रहे हैं। बावजूद इसके, एआइ

अभी एक चीज नहीं कर सकता है, यह इंसानों की तरह

भविष्य का पूर्वानुमान लगाने में सक्षम नहीं है। ऐसे में भविष्य

में यही वह एरिया होगा, जहां एआइ बिजनेस डेवलपमेंट

मैनेजर्स के लिए सबसे अधिक मौके होंगे और तकनीक

के सहारे, अपनी दक्षता दिखा सकेंगे। कंपनियों में इन

प्रोफेशनल्स की जिम्मेदारी यह होगी कि सेल्स ऐंड मार्केटिंग

टीम के साथ एआइ सर्विस का कैसे अधिक से अधिक

इस्तेमाल किया जाए, ताकि इस तकनीक की मदद से काम

में गुणवत्ता आए और अधिक लाभ भी मिले। ऐसे में इन

प्रोफेशनल्स पर एआइ सर्विस का समुचित लाभ उठाने के

लिए इसके अनुकूल प्लेटफॉर्म, फ्रेमवर्क और इंफ्रास्ट्रक्चर

तैयार करने की भी जिम्मेदारी होगी।


डाटा डिटेक्टिव


डाटा साइंस के क्षेत्र में इस जॉब की भी बहुत डिमांड रहने

वाली है, जहां कंपनियों में इन प्रोफेशनल्स की भूमिका एक

डिटेक्टिव की तरह होगी, जिन्हें आइओटी, डिवाइसेज,

सेंसर्स, बायोमेट्रिक मॉनीटर्स, कंप्यूटर्स आदि के जरिए

एकत्रित हुए डाटा की तह में जाकर ऐसी उपयोगी सूचनाएं

निकालना होगा, जिससे बिजनेस को फायदा मिले।

बहराल, अभी इस तरह के डाटा का उपयोग बहुत अधिक

नहीं हो पा रहा है, क्योंकि मार्केट की जरूरत के

क्षेत्र में उतने ट्रेंड लोग नहीं हैं। यही वजह है कि एकत्रित डाटा

के अनुसार इस

आज के समय में यूं ही बेकार पड़ा है, लेकिन आने वाले

दिनों में इनका बहुत महत्व होगा।


आइटी फेसिलिटेटर


आने वाले दिनों में कियोस्क मशीनों की तर्ज पर अपने

आसपास ऑटोमेटेड सेल्स सर्विस का ट्रेंड खूब देखने

को मिलेगा, जहां ब्रिग योर ऑन आइटी फेसिलिटेटर

(बीवाइओआइटीई) जैसे प्रोफेशनल्स की बहुत

आवश्यकता होगी। जिन पर डिजिटल और आइटी

तकनीकों की मदद से आसान व आरामदेह कामकाजी

माहौल तैयार करने की जिम्मेदारी होगी।

फर्ज कीजिए, ऐसा कोई ऑटोमेटेड सेल्फ सर्विस

प्लेटफॉर्म हो, जहां आप खुद अपने मनमुताबिक

एप्लिकेशंस इस्तेमाल कर सकें, जो एक वर्चुअल

असिस्टेंट की तरह काम करें, ताकि एंप्लायीज भी और

स्मार्ट तरीके से अपना काम कर सकें, वह भी बिना डाटा

कंट्रोल, सिक्योरिटी को कोई नुकसान पहुंचाए। आप

अनुमान लगा सकते हैं कि भविष्य की नौकरियों में इनकी

कितनी अहमियत होगी। जाहिर है, डिजिटल्स के ऐसे

जानकारों की मांग तब हर कहीं होगी।


एआइ-हेल्थकेयर टेक्निशियन


भविष्य में एआइ तकनीक का इस्तेमाल हेल्थकेयर में भी

खूब देखने को मिलेगा। एआइ तकनीक वाली स्वास्थ्या

सेवाएं ऑन-डिमांड लोगों के घरों पर मिलेंगी। यहां तक

कि गंभीर बीमारियों के इलाज और उनके डायग्नोसिस

तक के लिए भी आज की तरह अनुभवी डॉक्टरों पर

हमारी निर्भरता तब उतनी नहीं रह जाएगी। ये सारी सेवा

हेल्थकेयर टेक्निशियन ही हर कहीं देते दिखेंगे।

इस स्थिति में इस तरह के प्रोफेशनल्स की बड़ी तादा

में आवश्यकता होगी, जो रोगों की जांच के साथ-सा

उसका ट्रीटमेंट करने में भी सक्षम हों। इतना ही नहीं, एआ

की मदद से नर्सिंग डिग्री वाले भी कई तरह की सर्जरी र

ही आसानी से कर सकेंगे।


बनें सर्टिफाइड ब्लॉकचेन एक्सपर्ट


ब्लॉकचेन/क्रिप्टो तकनीक पिछले कुछ दिनों से काफी चर्चा में है। इसे वित्तीय

लेन-देन के लिए एक बेहद सुरक्षित तकनीक माना जा रहा है। दरअसल,

बिटकाइन (वर्चुअल मुद्राओं) के अस्तित्व में आने के बाद से ब्लॉकचेन एक

ऐसा विकल्प बनकर उभरा है, जिसके तहत न तो किसी बैंक का वजूद है और

न ही कोई दूसरी संस्था बिचौलिए की भूमिका में है। सबसे अच्छी बात है कि इस

तकनीक के माध्यम से होने वाले लेन-देन को कोई हैक नहीं कर सकता। जाहिर

है, भविष्य में वित्तीय संस्थानों में ऐसे सर्टिफाइड ब्लॉकचेन एक्सपर्ट की मांग

बढ़ने वाली है। दरअसल, इस तरह के प्रोफेशनल्स को ब्लॉकचेन और इसके कार्यप्रणाली की गहरी समझ होती

है। कंपनियों के लिए ब्लॉकचेन आधारित एप्लिकेशन तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।



ये भी रहेंगे डिमांड में

• अटाएनालिस्ट

• सॉफ्टवेयर डेवलपर

कंप्यूटर प्रोग्रामर

• प्रोडक्ट डिजाइनर

• मैनेजमेंट एनालिस्ट

• एकाउंटेट ऐंड ऑडिटर्स

• मेडिकल टेक्निशियस

• सेल्स ऐडमार्केटिग

स्पेशलिस्ट

• कस्टमर सर्विस रिप्रजेंटेटिव

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