जिंदगी जीने का तरीका या जिंदगी जीने की जानकारी
बढ़ती उम्र सिर्फ एक नंबर मात्र है।
अपनी उम्र बताते समय हिचकने की जगह
चहकें, क्योंकि आपकी बढ़ती उम्र ने आपको ढेरों तजुर्बे और आगे की जिंदगी को और बेहतर तरीके से जीने का
सलीका सिखाया है।
आपने कई बार सुना होगा कि उम्र सिर्फ एक नंबर है। पर क्या आप बेझिझक अपनी उम्र किसी को बता पाती हैं? अगर आपका जवाब न है तो आपको जिंदगी जीने का अपना पूरा नजरिया बदलने की जरूरत है। एक नए अध्ययन के मुताबिक तीस साल या इसके आसपास की उम्र तक पहुंचने के बाद महिलाओं को अपनी बढ़ती उम्र की चिंता सबसे ज्यादा सताने लगती है। अपने शरीर
को लेकर उनका आत्मविश्वास इस दौर में कभी-कभार काफी कम हो
जाता है। जबकि सच्चाई यह है कि उम्र के तीसवें पायदान के आसपास
पहुंचने से बेहतर आपके साथ कुछ और नहीं हो सकता। बढ़ती उम्र
आपके लिए और आपके भविष्य के लिए क्यों बेहतर है,
आइए जानें:
निखर चुका है आपका स्टाइल
याद हैं टीनएज के वो दिन, जब आपको यह मालूम नहीं था कि आप
पर किस तरह के कपड़े अच्छे दिखेंगे। या फिर आपकोई ऐसा हेयरकट
करवा लेती थीं, जो आप पर बिल्कुल भी अच्छा नहीं दिखता था? अब
इस तरह की परेशानियों का सामना आपको नहीं करना पड़ेगा। तीस या
उसके आसपास की उम्र में पहुंचते-पहुंचते हम यह जान चुके होते हैं
कि हम पर क्या अच्छा दिखेगा और किस लुक में हम सबसे ज्यादा
कंफर्टेबल हैं। इस उम्र में हम जैसे हैं, खुद को उसी रूप में स्वीकार कर
चुके होते हैं। खुद के स्टाइल में कंफर्टेबल रहने से उपजा आत्मविश्वास
आपको पूरी तरह से स्टाइलिश बना देगा।
आप रहेगी सुपरफिट
टीनएज में न हम अपनी डाइट को लेकर सतर्क रहते हैं और न ही अपनी
फिटनेस को लेकर जंक फूड और खराब लाइफस्टाइल से बढ़ती हमारी
दोस्ती कानकारात्मक असर धीरे-धीरे हमारी सेहत पर नजर आनेलगता
है। वहीं, तीस के आसपास तक पहुंचते-पहुंचते न सिर्फ हमारे पास जिदगी
का अच्छा-खासा अनुभव इकट्ठा हो चुका
होता है, बल्कि हम यह भी जान चुके होते
हैं कि अब अगर लाइफस्टाइल बेहतर नहीं
हुई तो आगे की जिंदगी चुनौती भरी हो
सकती है। हम अपने धीमे पड़ते
मेटाबॉलिज्म को लेकर भी सतर्क हो चुके
होते हैं। ये सभी कारण साथ मिलकर न
सिर्फ हमें नियमित व्यायाम के लिए प्रेरित
करते हैं, बल्कि सेहतमंद डाइट की
ओर भी हमारा रुझान बढ़ाते हैं।
तय हो चुकी है करियर की दिशा
अब न तो आप फ्रेशर हैं और न ही
किसी खास फील्ड में अपनी
पहचान बनाने के लिए स्ट्रगल कर
रही है। आपके करियर की एक
रूपरेखा तय हो चुकी है। अपने चुने हुए करियर में आपने अपनी पहचान
बना ली है। आपको पता है कि अपना काम कैसे करना है। कैसे प्रोजेक्ट
संभालना है, किसी मुश्किल क्लाइंट से डील करना या फिर कैसे अपने
किसी ऐसे सहकर्मी या बॉस से निबटना है, जो जान-बूझकर आपको
परेशान कर रहे हैं।
आप बनेंगी जिम्मेदार
धीरे-धीरे आप सारी फिजूलखर्ची बंद कर
देंगी। हर दूसरे महीने नए कपड़े खरीदने की
जगह आप अपने पुराने कपड़े की बेहतर
देखभाल शुरू कर देंगी। बाहर रेस्टोरेंट से
कुछ मजेदार खाना खाने की जगह आप घर
पर हेल्दी खाना पकाना और पैसे बचाना शुरू
कर देंगी। अपनों का दिल अब आप नहीं
दुखाएंगी, बल्कि उन्हें खुश रखने के नए-
नए रास्ते तलाशेंगी।
कुछ तो लोग कहेंगे
बीस से तीस साल की उम्र में आपने ढेरों
ऐसे काम किए होंगे जो आप वास्तव में
करना नहीं चाहती होंगी।अमूमन इस उम्र
में हम चाहकर भी बेपरवाह नहीं हो पाते।
पर, तीस की उम्र में हम एक तरह से
बेपरवाह हो चुके होते हैं। समाज की और
समाज के लोगों की इच्छाओं की परवाह
करने की जगह अपनी खुशियों के बारे में
सोचना और उसके मुताबिक निर्णय लेना
हमारे लिए आसान हो जाता है। इन सबका
परिणाम यह होता है कि उम्र के इस दशक में
हम न सिर्फ अपने बल पर अपनी जिंदगी जी
पाते हैं बल्कि हम आत्मविश्वास से भरपूर भी
होते हैं। हम जो चाहते हैं, वो सब कर पाते हैं।
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