जंक फूड खाने से क्या नुकसान होता है या जंक फूड से होने वाले नुकसान और दुष्परिणाम के बारे में जानकरी हिंदी में
जो लोग जंक फूड खाते है, उनके डिप्रेशन में जाने का खतरा संतुलित आहार लेने वाले लोगो की तुलना में 60 प्रतिशत अधिक होता है। इससे आपकी याददाश्त भी जा सकती है।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास
मंत्रालय ने बच्चों की सेहत को लेकर
फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड ऑथोरिटी ऑफ
इंडिया का गठन किया था। रिपोर्ट में
पाया कि स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों का
स्वास्थ्य खराब होने के करीब 80
फीसदी मामले जंक फूड के सेवन से
होते हैं।
junk food khane ke dushparinam ya Junk food se Hone Vale Nuksaan
यदि आप बहुत अधिक जंक फूड का सेवन करते
है, तो इससे आपके शरीर मे शुगर का स्तर काफी
तेजी से बढ़ता है। कुछ देर बाद जब शुगर का स्तर नीचे
आता है, तब आपके शरीर को और अधिक शुगर की
जरूरत महसूस होती है। शरीर के इस व्यवहार के कारण
आपके दिमाग के काम करने की प्रक्रिया पर असर पड़ता
है। भूख लगने के लिए जिम्मेदार ग्रेलिन और लेप्टिन
हार्मोन का स्तर जब शरीर में बढ़ता है, तब मस्तिष्क को
भूख लगने का संकेत मिल जाता है। लेकिन जब आप
जंक फूड खाते हैं, तब ये हार्मोन भी प्रभावित होते हैं।
जिससे आपको हर समय कुछ खाने की इच्छा होती है।
इस कारण आपकी स्मरण शक्ति कम होती है और तनाव
बढ़ता है।
ट्रिप्टोफेन हार्मोन का स्तर होता है कम
जब आप जरूरत से ज्यादा जंक फूड लेने लगते हैं, तो
जरूरी पोषक तत्व जैसे अमीनो एसिड ट्रिप्टोफेन का स्तर
शरीर में कम होने लगता है। ट्रिप्टोफेन एक कार्बनिक
यौगिक है, जो प्रोटीन के अवशोषण, बॉडी बिल्डिंग और
मूड को सही रखने वाले सेरोटोनिन हार्मोन के स्राव के
लिए जरूरी होता है। लेकिन जब यह शरीर को पर्याप्त
मात्रा में नहीं मिलता, तो इससे मूड स्विंग होने लगता है
तथा इसकी कमी आपको डिप्रेशन में ले जाती है।
सोडियम बेंजोइट भी करता है नुकसान
सोडियम बेंजोइट एक प्रिजर्वेटिव है, जो सोडा या लगभग
हर कैन्ड फूड में मौजूद होता है। भोजन में
इसकी ज्यादा मात्रा आपको हाइपरएक्टिव यानी
जल्दी आपा खाने वाला बनाता है। साथ ही इसके अधिक
सेवन से ध्यान केंद्रित करने में परेशानी जैसी दिक्कतें हो
सकती हैं। अगर आप लंबे समय तक इस तरह की चीजें
खाएं, तो आपकी याद्दाश्त भी कमजोर हो सकती है।
जंक फूड इंसुलिन रेजिस्टेंट बनाता है
जब आप हाई फैट फूड या हाई शुगर फूड का सेवन
करते हैं, तो आपका शरीर तुरंत इसे ग्लुकोज में बदल
देती है। इस वजह से पैन्क्रियाज को और अधिक इंसुलिन
बनानी पड़ती है, इस तरह के खाने को पचाने के लिए।
जब आप अत्यधिक जंक फूड खाते हैं, तो आपके शरीर
में इंसुलिन की अधिकता हो जाती है और एक समय बाद
हमारा शरीर इंसुलिन रेजिस्ट हो जाता है। इंसुलिन का
इस्तेमाल नर्स सिंगनल को पहुंचाने के लिए होता है।
साथ ही इंसुलिन आपके दिमाग में यादें सजोने में मदद
करता है। लेकिन जब आप जरूरत से ज्यादा जंक फूड
लेने लगते हैं, तो आपका मस्तिष्क इंसुलिन के प्रति
प्रक्रिया देना बंद कर देता है। जो अल्जाइमर और
डिमेंशिया की वजह बनता है। जंक फूड खाने से, शरीर
को जरूरी पोषक तत्व और मिनरल्स भी नहीं मिल पाते।
एंटीऑक्सीडेंट या ओमेगा-3 और 6 गुड फैट्स की
बजाय शरीर में ट्रांस फैट जमा होते रहते हैं, जिसकी वजह से पेट
जलन की समस्या रहती है। इससे
मस्तिष्क की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है।
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