फार्मेसी में कैरियर कैसे बनाये या फार्मेसी में कैरियर ऑप्शन और सैलरी के बारे में इन हिंदी
कोरोनासंकट की चुनौतियों
केबीचदेश में फार्मेसीसेक्टर
संभावनाएं और तेजीसे बढ़ी
का तीसरासबसेबड़ाबाजार
में करियरकी आकर्षक
हैं।भारतीयफार्मा उद्योग
मात्रा के आधारपर दुनिया
को
बनगया है। 2024 तकदेश
काफार्मा उद्योग65 अरब
डॉलरकी ऊंचाई तकपहुंचने
का अनुमान है।जाहिर है
जैसे-जैसेयहसेक्टरबढ़
रहाहै,यहां करियरके मौके
भी तेजी से बढ़ रहे हैं...
3सरी रैंक है भारत की मेडिसिन प्रोडक्शन
वाल्यूम के लिहाज से यानी पूरे विश्व की करीब
10 फीसद दवाओं का उत्पादन यहां होता है।
50 ℅ अन्य वैक्सीन की वैश्विक मांग
की आपूर्ति कर रहा है भारत।
हमारा देश जेनरिक दवाओं का सबसे बड़ा निर्यातक भी है।
कोविड-19 संकट के चलते पूरी दुनिया
में भारत का फार्मा सेक्टर पिछले कुछ
महीनों में और तेजी से आगे बढ़ा है।
नए चिकित्सकीय परीक्षणों और औषधि उत्पादन
को बढ़ावा देने का यह एक अवसर बनकर सामने
आया है। अप्रैल से सितंबर 2020 के बीच भारत
ने दुनिया के करीब 150 देशों में दवाइयों का निर्यात
करके फार्मेसी हब के रूप में दुनिया में अपनी
अलग पहचान बनाई है। कोरोना काल में इसके
हाइड्रोक्लोरोक्वीन की गूंज अमेरिका सहित दुनिया
भर में सुनी गई। फार्मा और मेडिकल सेक्टर की
कई वस्तुओं का बड़ा उत्पादक और नया निर्यातक
देश बनने के साथ-साथ भारत दुनिया में पीपीई
किट का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक भी बन गया
है, जिसकी दैनिक उत्पादन क्षमता प्रतिदिन 5 लाख
से अधिक है। इसी तरह देश ने बहुत कम समय में
वेंटिलेटर के स्वदेशी उत्पादन और एन-95 मास्क
के उत्पादन में भी आत्मनिर्भरता हासिल की है।
यह सर्जिकल मास्क, मेडिकल गॉगल्स और पीपीई
किट का बड़े पैमाने पर निर्यात कर रहा है। कोरोना
से जंग के लिए दुनिया में टीका बनाने के लिए
ख्याति प्राप्त पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया
(एसआइआइ), भारत बायोटेक, जाइड्स कैडिला
जैसी औषधि कंपनियां वैक्सीन के क्लीनिकल
ट्रायल कर रही हैं। ऐसे में कोविड-19 के बीच उभरे
परिदृश्य ने फार्मा सेक्टर में युवाओं के लिए करियर
के नए-नए मौके बढ़ा दिए हैं।
इनोवेशन से बढ़ रहीं संभावनाएं : देश में फार्मेसी
सेक्टर के तेजी से आगे बढ़ने के कई और भी
कारण हैं। भारत अकेला एक ऐसा देश है जिसके
पास अमेरिकी दवा नियामक यूएसएफडीए के
मानकों के अनुरूप अमेरिका से बाहर सबसे
अधिक संख्या में दवा बनाने के प्लांट हैं। शोध
एवं नवाचार विकास (आरएंडडी) पर जोर दिए
जाने का ही नतीजा है कि भारत वैश्विक नवाचार
सूचकांक (ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स जीआइआइ)
2020 में चार पायदान ऊपर चढ़कर 48वें स्थान पर
पहुंच गया है।
फार्मेसी में बहुआयामी करियर: आज देश में 10 टॉप
डिमांडिंग जॉब्स सेक्टरों में फार्मेसी भी शामिल है।
इतना ही नहीं, फार्मेसी में करियर के मौके देश में ही
नहीं, दुनिया भर में बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। यदि
फार्मेसी में करियर के मौकों के विभिन्न क्षेत्रों की
ओर देखें तो पाते हैं कि ये ड्रग मैन्युफैक्चरिंग, ड्रग
रिसर्च, ड्रग मार्केटिंग, फार्माकोविजिलेंस, हॉस्पिटल
फार्मेसी और रिसोर्स मैनेजमेंट आदि क्षेत्रों में तेजी
से बढ़ रहे हैं। रिसर्च ऐंड डेवलपमेंट के तहत जहां
नई-नई औषधियों की खोज व विकास संबंधी
कार्य किए जाते हैं, वहीं ड्रग मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र
में मॉलिक्युलर बायोलॉजिस्ट, फार्मेकोलॉजिस्ट,
टॉक्सिकोलॉजिस्ट या मेडिकल इनवेस्टिगेटर
जैसे कार्य होते हैं। इसी तरह, फार्मा कोर्स करके
अस्पतालों में फार्मासिस्ट भी बना जा सकता है।
शैक्षिक योग्यताएं : फार्मेसी में करियर बनाने के लिए
स्टूडेंट द्वारा 10वीं के बाद बायोलॉजी, फिजिक्स,
केमिस्ट्री या फिर मैथ्स, फिजिक्स, केमिस्ट्री
ग्रुप लिया जाना चाहिए। इसके बाद दो वर्ष का
फार्मेसी में डिप्लोमा (डीफार्मा) या फिर चार
वर्ष का बैचलर ऑफ फार्मेसी (बीफार्मा) किया
जा सकता है। इसके बाद दो वर्ष का मास्टर इन
फार्मेसी (एमफार्मा) किया जा सकता है। इस
समय फार्मेसी से संबद्ध देश के विभिन्न शैक्षणिक
संस्थाओं में ये कोर्स कराए जा रहे हैं। स्टूडेंट्स
द्वारा 12वीं के बाद यह कोर्स किया जा सकता है।
प्रमुख संस्थान
• दिल्लीइंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल
साइंसेजऐंड रिसर्च, दिल्ली
www.dipsar.ac.in
जामिया हमदर्द, नई दिल्ली
http://jamiahamdard.edu
• आर्यन कॉलेज ऑफ फार्मेसी, गाजियाबाद
www.aitgzb.ac.in
• एमिटीइंस्टीट्यूट ऑफ्फार्मेसी, नोएडा
www.amity.edu
इनोवेशन और रिसर्च पर जोर
भारत इस समय दुनियाभर में वर्ल्ड ऑफ फार्मेसी
के रूप में मशहूर है।आगे
भीअपनीइस श्रेष्ठता
कोबनाए रखने के लिए
जरूरी है कि इनोवेशन
औरसाइंटिफिक रिसर्च
पर अधिक जोर दिया
जाए।यहहोभीरहा है।
केंद्र सरकार साइंस और
टेक्नोलॉजीइकोसिस्टम
को काफी सपोर्टदेरही
है।कोरोनासकटके बाद से साइंटिफिक रिसर्च
कीजरूरतों को और अधिक महसूस किया जा
रहा है। लेकिन इनोवेशनका पॉवरहाउस बनने के
लिए ज्यादा से ज्यादा टैलेंटपूल चाहिए। इसलिए
साइंस, टेक्नोलॉजी, मैथ तथा इंजीनियरिंगफील्ड
कीपढ़ाईकररहेयुवाओं के लिए अभी लाइफ
साइंस के सेक्टर में बहुत संभावनाएं हैं, जहां
वे नई-नईमेडिकल चुनौतियों का सॉल्यूशन
निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
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