भविष्य में नौकरी कैसे पाएं या भविष्य में नौकरी, जॉब, कैरियर बनाने के तरीक़े
वर्ल्डइकोनोमिकफोरम
(डब्ल्यूईएफ)कीरिपोर्ट
दफ्यूवरऑफजॉब्स के
अनुसार अगले सात साल
में भारत समेत दुनियाभर
मेंजॉबटेंडतेजीसेबदलने
वालाहै।बहुत-सी ऐसी
नौकरियों की मांग बढ़ेगी,
जोकि अभीकमडिमांडमें
हैं।आइएजानें,आधुनिक
तकनीकोंके आनेसेइस
साल किस तरह के इमर्जिंग
जॉब्सऔर उनसे संबंधित
कोर्सकी डिमांड होगी,जिनमें
युवाओ को अच्छी नौकरी के
साथ-साथ मोटी सैलरी भी
मिलसकती है...
10 टॉप नए जमाने की नौकारियों ने
शामिल है डाटा एनालिस्ट की जाब, जहा
आजकल शुरुआत में ही सबसे ज्यादा
सैलरी मिलती है।
2022-2024 तक क्लाउड कम्प्यूटिग के
क्षेत्र में करीब एक लाख नई
नौकारियों के सामने आने का अनुमान है।
पिछले कुछ वर्षों से जॉब मार्केट लगातार बदल
रहा है। नई तकनीक पर आधारित नये-नये
जॉब सामने आ रहे हैं। अगर आप भी चाहते
है कि आपकी मार्केट में वैल्यू बढ़े और इन नई तकनीको
का लाभ उठा सकें, तो अभी से आपको इसके लिए इनसे
संबंधित कोसों पर ध्यान देने की जरूरत है। नई स्किल
सीखने पर जोर दीजिए। इससे आपको जल्दी पहचान
भी मिलेगी और आगे बढ़ने का बेहतर मौका भी 2022
में सबसे ज्यादा डिमांड में रहने वाले कोर्स और उनकी
संभावनाओं पर एक नजर.
डॉटा एनालिस्ट्स: डब्ल्यूईएफ की रिपोर्ट के अनुसार,
2020 तक डाटा एनालिस्ट प्रोफेशनल की मांग तेजी से
बढ़ेगी। सैलरी डॉट कॉम की ओर से हाल में जारी लिस्ट
के मुताबिक, डाटा एनालिस्ट नए जमाने की उन टॉप 10
नौकरियों में से है, जहां शुरुआत में ही सबसे ज्यादा सैलरी
मिलती है। पिछले दो सालों में इस क्षेत्र में नौकरियों की
संख्या करीब दोगुनी तक बढ़ी है। बिजनेस कंपनियों को
आगे भी डाटा का सही तरीके से इस्तेमाल बताने वाले
इन डाटा एनालिस्ट्स की जरूरत होगी। अगर आप अभी
से डाटा एनालिस्ट का कोर्स चुनते हैं, तो आगे आपके
पास अच्छी जॉब मिलने का अवसर होगा। अभी इस
फोल्ड में अधिकतर वही लोग आ रहे हैं, जिनके पास
कोई एडवांस डिग्री है। साथ ही, गणित और स्टैटिस्टिक्स
में रुचि रखने के साथ-साथ रूबी, पायथन जैसी प्रोग्रामिंग
स्किल जानते हैं। हाल के दिनों में आइआइटीज समेत
देश की कई निजी यूनिवर्सिटीज में बीटेक डाटा साइंस
और एमटेक डाटा साइंस के रूप में अलग से डिग्री कोर्स
(डुअल कोर्स भी) शुरू किए गए हैं, जिन्हें 12वीं के बाद
किया जा सकता है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसः गार्टनर की एक ताजा
रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2020 तक आर्टिफिशियल
इंटेलिजेंस (एआइ) के क्षेत्र में करीब 22 लाख नई
नौकरियां सामने आएंगी। जानकारों का मानना है कि
जैसे-जैसे इस तकनीक का इस्तेमाल हमारे रोजमर्रा की
जरूरत के उत्पादों और सेवाओं में बढ़ेगा, इस क्षेत्र में,
एआइ इंजीनियर और एआइ इंटरैक्शन डिजाइनर के
रूप में ज्यादा से ज्यादा नौकरियां देखने को मिलेंगी।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में कोर्स करने के लिए
कंप्यूटर साइंस, आइटी, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल,
इलैक्ट्रॉनिक्स और इंस्ट्रूमेंटेशन में डिग्री होना आवश्यक
है।कई आइआइटी में आजकल ये कोर्स ऑफर हो रहे हैं।
क्लाउड कंप्यूटिंग
एड-टेक प्लेटफॉर्म की रिपोर्ट के अनुसार 2022 तक क्लाउड कंप्यूटिंग में करीब 10 लाख नौकरियां
सामने आने का अनुमान है। बताया जा रहा है कि क्लाउड कप्यूटिंग का उपयोग बढ़ने से सभी तरह की
कंपनियों में इसके जानकारी की मांग बढ़ रही है। दरअसल, क्लाउड कंप्यूटिंग में बड़े सिस्टम्स को
प्राइवेट या पब्लिक नेटवर्क से जोड़कर डाटा और फाइलको स्टोर किया जा सकता है। क्लाउड कप्यूटिंग
में करियर बनाने के लिए स्टूडेंट्स के पास किसी मान्यताप्राप्त यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन के अलावा
क्लाउड कप्यूटिग में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री होनी चाहिए। आप क्लाउड कंप्यूटिंग और वर्चुअलाइजेशन में
डीटेक स्टोरेज रेडक्लाउड कम्यूटेग में मास्टर्स या फिर आइटी इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट में कोर्स कर
सकते है । वैसे जिस स्टूडेंट को इसका पैशन है, वे डिप्लोमा या डिग्री कोर्स करके भी इस प्रोफेशन में आ
सकते हैं। इन दिनों कई एडवास सटिफिकेशन कोर्सेज भी ऑफर किए जा रहे हैं।
सॉफ्टवेयर डेवलपर:लिंक्डइन की 2018-2019 की रिपोर्ट की मानें, तो नए साल में सॉफ्टवेयर डेवलपर एक टॉप
इमर्जिग जॉब होगा यानी जावा और सी. की स्किल
रखने वाले कंप्यूटर प्रोग्रामर (सॉफ्टवेयर डेवलपर की
मांग बढ़ेगी और इस सेक्टर के विशेषज्ञों के लिए नौकरी
के अवसर बढ़ेंगे। 12वीं के बाद कंप्यूटर साइंस में बीटेक
करके युवा इस फील्ड में आ सकते हैं।
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी:आने वाले दिनों में इस तकनीक
का भी उपयोग आइटी और फिनटेक समेत तमाम क्षेत्रों
में देखने को मिलेगा। माना जा रहा है कि वित्तीय लेनदेन
के लिए यह सबसे सुरक्षित और प्रामाणिक तकनीक हो
सकती है। रैंसटैड की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक
साल में ब्लॉकचेन और क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी नौकरियों
में 50 फीसदी तक वृद्धि हुई है। यही वजह है कि अगले
दो से तीन साल में ब्लॉकचेन एनालिस्ट/ब्लॉकचेन
डेवलपर के रूप में बड़ी संख्या में नौकरियां सृजित
होने की उम्मीद की जा रही है। आइबीएम, टैलेंट स्प्रिंट,
कोर्सेरा, उडेमी जैसे कुछ संस्थानों में यह कोर्स कराया जा
रहा है, जहां से इसे आप ऑनलाइन कर सकते हैं। यह
कोर्स एक माह से लेकर तीन और छह माह की अवधि
का है, जिसे कोई भी यूवा कर सकता है। लेकिन जो लोग
प्रोग्रामिंग बैकग्राउंड के हैं, कोडिंग/जावा जानते हैं या फिर
सॉफ्टवेयर डेवलपिंग, बैंकिंग/फाइनेंशियल सेक्टर में हैं,
उनके लिए यह कोर्स ज्यादा उपयुक्त है।
मशीन लर्निगःमशीन लर्निंग भी एआइ और ब्लॉकचेन
की तरह ही एक तेजी से उभरती तकनीक है। यह एक
अल्गोरिदम है जो सॉफ्टवेयर को सही रूप से चलाने
में मदद करती है। इस तकनीक से लैस एडवांस मशीनें
अपने आप चीजें सीख जाती हैं और इस प्रक्रिया में उन्हें
किसी मानव की मदद की जरूरत नहीं पड़ती है। माना जा
रहा है कि बढती प्रतिस्पर्धा के बीच जैसे-जैसे कंपनिया
ऑटोमेशन का सहारा लेंगी, मशीन लर्निग इंजीनियर और
मशीन लर्निंग रिसर्च साइंटिस्ट की मांग भी बढ़ती जाएगी।
इनडीड की मानें, तो आज यह टॉप 10 डिमांडिंग जॉब्स
में शुमार है। कोर्सेरा मशीन लर्निंग में 11 हफ्ते का कोर्स
करवाते हैं। ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म उडासिटी और
एडेक्स द्वारा भी एमएल पर कोर्स कराया जा रहा है। गूगल
भी मशीन लर्निंग का क्रैश कोर्स (एमएलसीसी) चला
रहा है। मशीन लर्निंग कोर्स के लिए मैथमेटिक्स, साइंस
और साइकोलॉजी बैकग्राउंड का होना आवश्यक है।
इंटरनेट ऑफ थिंग्स: इन दिनों इंटरनेट से कनेक्टेड
डिवाइसेज यानी इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आइओटी) का
इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में आने वाले दिनों
में आइओटी डिवाइसेज की प्रोग्रामिंग, डिजाइनिंग और
उसके हार्डवेयर को तैयार करने वाले प्रोफेशनल्स की
भारी डिमांड होगी। देश में अभी आइओटी से संबंधित
ज्यादातर कोर्स ऑनलाइन माध्यम से ही कराए जा रहे
हैं, जहां से दो सप्ताह से लेकर एक माह की अवधि
तक का यह शॉर्टटर्म कोर्स किया जा सकता है। कंप्यूटर
प्रोग्रामिंग, नेटवर्किंग, इलेक्ट्रॉनिक्स तथा एम्बेटेड
सिस्टम्स बैकग्राउंड के युवाओं के लिए यह कोर्स करना
ज्यादा उपयुक्त हो सकता है।
साइबर सिक्युरिटी : बढ़ते डिजिटाइजेशन के साथ
दिनोंदिन बढ़ती ऑनलाइन धोखाधडी को देखते हुए
साइबर सिक्युरिटी का फील्ड आगे भी डिमांडिंग रहने
वाला है। एक अनुमान के अनुसार, साइबर फ्रॉड को
रोकने के लिए देश को हर साल हजारों की संख्या में
साइबर विशेषज्ञों की जरूरत पड़ रही है, लेकिन जॉब
मार्केट में उतने लोग नहीं हैं, जिन्हें इसकी अच्छी समझ
हो। एथिकल हैकिंग/साइबर सिक्युरिटी का कोर्स 12वीं
के बाद कर सकते हैं। देश के कई संस्थानों में यह कोर्स
संचालित हो रहा है।
डिजिटल मार्केटिग : डिजिटल मार्केटिंग सानी सोशल
मीडिया के जरिए उत्पादों और सेवाओं का ऑनलाइन
प्रचार-प्रसार। आजकल बिजनेस कंपनियां डिजिटल मार्केटिंग पर काफी जोर दे रही हैं। इसके जानकार
डिजिटल मार्केटिंग मैनेजर, ऑनलाइन मार्केटिंग
मैनेजर, एमईओ मार्केटिंग स्ट्रेटेजिस्ट, एसइओ मैनेजर
तथा ऑनलाइन कंटेंट क्रिएटर्स के रूप में अपनी सेवाएं
दे रहे हैं। कई संस्थान डिजिटल मार्केटिग/ सोशल मीडिया
मार्केटिंग के लिए पीजी डिप्लोमा और एग्जीक्यूटिव
डिलोमा जैसे कोर्स ऑफर कर रहे हैं। पीजी लेवल के
इस तरह के कोर्स में प्रवेश लेने के लिए अभ्यर्थी का
ग्रेजुएट होना जरूरी है। फिलहाल ज्यादातर कोर्सज अभी
ऑनलाइन ही ऑफर किए जा रहे हैं।
रोबोटिक साइंस : रोबोट का इस्तेमाल आजकल
मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों से लेकर रोजमर्रा के तमान कार्यो
में खूब होने लगा है। ऑटोमेशन के आने से यह क्षेत्र भी
एक ग्रोइंग फील्ड के तौर पर देखा जा रहा है, जहाँ अगले
कुछ सालों में रोबोटिक रिसर्चर, रोबोटिक इंजीनियर एवं
रोबोटिक टेक्नीशियन के रूप में बड़ी संख्या में नौकरिया
सामने आने वाली हैं। रोबोटिक साइसं / राबोटिक्स
में करियर बनाने के लिए इलेक्ट्रिकल, मैकनिकल,
इंस्ट्रूमेंटेशन, कंप्यूटर साइंस में से कोई एक टेक्निकल
बैकग्राउंड होना जरूरी हैं।
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