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2021-03-10

learning disorders in children in hindi | a child's learning disorder in Hindi

what's a learning disorder in children Ya लर्निंग डिसऑर्डर इन चिल्ड्रन इन हिन्दी



'लर्निंग डिसऑर्डर' को

जानना जरूरी है। कई बार

अनजाने में हम सबसे

गलतियां होजाती हैं और

'लर्निग डिसऑर्डर' से

ग्रसित बच्चों की हम उपेक्षा

करने लगते हैं या फिर

सख्ती से पेश आते हैं।




सभी अभिवावकों की यही इच्छा होती है

कि उनके बच्चे पढ़ाई में अच्छा करें और

परीक्षा में अच्छे अंक हासिल करें। उनका

भविष्य अच्छा हो। माता-पिता की इन

आकांक्षाओं को लेकर इन दिनों बच्चों के

ऊपर काफी दबाव देखने के मिलता है।

मगर इस दबाव से फायदा कम, नुकसान

ज्यादा है। हो सकता है कठिन परिश्रम

करने वाला बच्चा सीखने के विकार यानी

'लर्निंग डिसऑर्डर' से पीड़ित हो।

'लर्निंग डिसऑर्डर' वाले बच्चों को

डिस्लेक्सिया के रूप में जाना जाता है। उन्हें लिखने में

कठिनाई होती है, जिसे 'डिस्माफिया' के रूप में जाना

जाता है और सरल गणित समस्याओं को हल करने में

दिक्कतें आती हैं, जिसे 'डिस्क्लेकुलिया' के रूप में

जाना जाता है। उन्हें सरल निर्देशों का पालन करने में


भी कठिनाई होती है, वे बहुत आसानी से

भूल जाते हैं। वे बाएं और दाएं, बी और

डी, 6 और 9 के बीच भी भ्रमित हो

सकते हैं और इसी तरह से मिलती-

जुलती समस्याएं आ सकती हैं। 'लर्निंग

डिसऑर्डर' वाले बच्चों को ध्यान केंद्रित

करने और सब कुछ व्यवस्थित ढंग से

करने में कठिनाई होती है।

'लर्निंग डिसऑर्डर' के तहत

'हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर' यानी

जिसे आमतौर पर 'एडीएचडी' कहते हैं,

यह बचपन का सबसे आम न्यूरो-व्यवहार विकार है।

इस विकार में बच्चे किसी विषय पर बहुत कम ध्यान

केंद्रित कर पाते हैं। 'एडीएचडी' से ग्रसित बच्चों में

सीखने के विकार होते हैं। मुमकिन है कि 'एडीएचडी'

से ग्रसित बच्चे धाराप्रवाह पढ़ सकते हों, लेकिन उन्हें


लिखने में कठिनाई हो। एक बच्चा पढ़ने और लिखने

दोनों में अच्छा हो सकता है, लेकिन गणित के सरल

सवालों को हल करने में कठिनाई हो सकती है। ये

समस्याएं बहुत असामान्य नहीं हैं और 100 में से

लगभग 10 में इस तरह के 'लनिंग डिसऑर्डर' हैं।


'लनिंग डिसऑर्डर' के कई कारण हो सकते हैं:


● जीन में दोष के कारण या जन्म के समय कम

वजन, समय से पहले जन्म या फिर जन्म के समय

अगर बच्चा ठीक से न रोया हो, तो ऐसे में 'लर्निंग

डिसऑर्डर' हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान शराब

और नशीली दवाओं का सेवन भी प्रभावित कर

सकता है।


● बच्चे का सामान्य विकास घर के वातावरण और

परिवार के सदस्यों के बीच के संबंधों पर निर्भर करता

है। जिन परिवारों में बच्चे खुशहाल और तनाव मुक्त

होते हैं, उनका विकास अच्छा होता है। जिन घरों में

कलह का वातावरण होता है, वहां बच्चों के विकास

में कई तरह की समस्याएं देखी गई हैं। अगर बच्चा

मोबाइल में अधिकतर समय बिताता है, तो उसको

न्यूरो-व्यवहार की समस्याएं आ सकती हैं।


क्या हो इलाज...



दुर्भाग्य से 'लर्निंग डिसऑर्डर' का कोई इलाज नहीं

है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि घर पर

समस्या क्षेत्रों या लक्षणों की पहचान करें और सही

निदान करने के लिए डॉक्टर से परामर्श करें।

कई माता-पिता इसके लक्षणों को अनदेखा करते

रहते हैं, लेकिन मेरा मानना है कि किसी भी समस्या

को हल करने का सबसे महत्वपूर्ण पहलू स्वीकृति

है। हर बच्चा विशेष है और प्यार, समर्थन व उचित

देखभाल का हकदार है। अगर उसका इलाज नहीं

किया जा सकता, तो सफलतापूर्वक मैनेजमेंट तो

जरूर किया जा सकता है। अगर सही समय पर

इसका पता चल जाए, तो बच्चे को वे काम करने

के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, जिनमें वह

निपुण है, जैसे पेंटिंग, म्यूजिक, गेम्स वगैरह। ऐसे

बच्चे सामान्य जीवन बिताते हैं। ऐसे बहुत से बच्चे

हैं, जो डिस्लेक्सिया के बाद भी अच्छी जॉब कर

रहे हैं। अपने बच्चे की दूसरे के साथ तुलना

बिल्कुल न करें।




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