डिटॉक्स वाटर
डिटॉक्स वाटर कैसे बनाएं या डिटॉक्स वाटर बनाने की विधि तरीका क्या है ?
रसभरे फलों के टुकड़े पीने के पानी में डालकर इसे कई घंटों तक के लिए फ्रिज में रखकर डिटॉक्स वाटर तैयार किया जा सकता है। सबसे पहले चौड़े मुंहवाली किसी बोतल में पानी भर लें और फिर उसमें एक-एक कर सभी फलों को काटकर डालें। इससे फलों से निकले जूस और कुछ फाइबर्स पानी में घुल जाते हैं और पानी में ज्यादा न्यूट्रिशन मिल जाते हैं। अच्छी खुशबू के लिए उसमें पुदीने के पत्ते डालें, जिससे आपको ठंडक भी मिलेगी। अपनी पसंद के अनुसार, फलों का इस्तेमाल करें, लेकिन मौसमी फलों का प्रयोग करना ज्यादा बेहतर होगा, क्योंकि उनमें सबसे ज्यादा न्यूट्रिशन होता है। संतरे को चार हिस्सों में काट लें और एक लीटर पानी में डालें। बिना छिले संतरे में विटामिन-सी, विटामिन ए और बी1 होते हैं, साथ ही आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम और फॉस्फोरस जैसे तत्व भी मिलते हैं। बिना छिले खीरे को काटकर खीरा प्रति आधा लीटर बॉटल पानी में डालें। फाइबर, विटामिन के, कॉपर, पोटैशियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम और सिलिका इसमें समृद्ध हैं। आधा कप कटी हुई स्ट्रॉबेरीज और हल्की-सी क्रश्ड ब्लूबेरीज प्रति आधा लीटर पानी में डालें। इसमें कैंसर से लड़ने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स गुण होते हैं। एक बार पानी में पोषक तत्व घुल जाएं, तो इसे जल्दी ही पी लें। डिटॉक्स वाटर सेहत के लिए अच्छा होता है, लेकिन इसका जरूरत से अधिक सेवन नुकसानदेह हो सकता है। एक दिन में दो से तीन लीटर से ज्यादा पीने से यह आपके शरीर पर दबाव डाल सकता है। शरीर का सोडियम स्तर संतुलन खो देता है। नतीजा यह होता है कि कमजोरी और मांसपेशियों में ऐंठन महसूस होती है। जब किडनी बहुत ज्यादा काम करती है, तो शरीर में वाटर रिटेंशन या अन्य मेडिकल समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
फलों को न भूलें
डिटॉक्स वाटर के साथ ही दिन में फलों का सेवन करना न भूलें, क्योंकि डिटॉक्स वाटर फलों की जगह नहीं ले सकता। फ्रूट इन्फ्यूज्ड पानी में स्वाद और सेहतमंद गुण दोनों ही होते हैं, लेकिन यह किसी भी तरह से साबुत फलों के बदले नहीं लिया जा सकता। साबुत फलों के फाइबर्स को डिटॉक्स वाटर से बदलना संभव नहीं है।
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