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2021-05-20

google par kya search na kare | google pe kya search nahi karna chahiye | google pe search na kare

गूगल पर क्या सर्च न करें या गूगल में क्या सर्च न करें या गूगल में क्या सर्च नहीं करना चाहिए?


Google पे सर्च न करे यह सब?

जब भी हमें कुछ नया जानना हो या सीखना हो या फिर ढूंढना हो, हम गूगल सर्च का सहारा लेते हैं । इस समय भारत में 70 करोड़ से ज्यादा इंटरनेट यूजर हैं। जो गूगल सर्च पर कुछ ना कुछ सर्च करते रहते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि गूगल सर्च पर कभी-कभी हम कुछ ऐसी चीजें भी सर्च कर लेते हैं जिसकी वजह से हमें भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है । आइए जानें कुछ ऐसे ही चीजों के बारे में, जिन्हें भूलकर भी गूगल में सर्च ना करें, वरना आपको लेने के देने पड़ सकते हैं....


कंपनियों के कस्टमर केयर नंबर


पिछले एक दो दशक से कस्टमर केयर काफी लोकप्रिय हो चला है।हमकोई भी प्रोडक्ट इस्तेमाल कर रहे होते हैं और उसमें किसी भी तरह की परेशानी आने पर हम सीधे कस्टमर केयर को कॉल करने की सोचते है।हमें कई बार किसी कंपनी का कस्टमर केयर नंबर पता नहीं होता है, ऐसे में हम गूगल सर्च का ही सहारा लेते हैं, लेकिन गूगल पर किसी भी कस्टमर केयर का नबर सर्च करना नुकसानदायक साबित हो सकता है। साइबर क्राइम को बढ़ावा देने वाले हैकर्स किसी भी कंपनी का फेक या फजी हेल्पलाइन नंबर गूगल सर्व पर डाल देते हैं। ऐसे में जब आप उस नंबर पर कॉल करेगे, तो आपका नंबर हैकर्स के पास पहुच जाता है। उसके बाद हैकर्स नंबर पर कॉल करके साइबर क्राइम को अंजाम दे सकते हैं।


मेडिकल प्रिसक्रिप्शन


अक्सर बीमार पड़ने पर डॉक्टर से कंसल्ट नहीं करते है और गूगल पर बीमारी के लक्षण के आधार पर दवाई सर्च करते हैं। यह तरीका नुकसानदायक हो सकता है। गूगल आपको सटीक जानकारी उपलब्ध नही कराता है, उसपर वही जानकारी उपलब्ध होती है, जो दर्ज की जाती है।


सरकारी वेबसाइट


इन दिनों हैकर्स सरकारी वेबसाइट और पोर्टल का डुप्लीकेट वेवसाइट भी प्रमोट करने लगे हैं। कई यूजर्स इन फजी वेबसाइट के शिकार हो सकते हैं। सरकारी वेबसाइट के अंत में gov.nic.In जरूर होता है । वेव एड्रेस को देखकर ही किसी भी सरकारी वेबसाइट को ओपन करें।


ऑनलाइन बैंकिंग सर्विस


आजकल डिजिटल ट्रांजैक्शन का चलन काफी बढ़ गया है। ऐसे में अगर किसी भी तरह की बैंकिंग सर्विस का इस्तेमाल करना होता है, तो वह काम ऑनलाइन ही करते हैं। ऐसे में कई बार ऐसा होता है कि बैंक की वेबसाइट गूगल में सर्च करते हैं। हैकर्स गलत कस्टमर केयर नबर की तरह ही गलत यूआरएल डाल कर असली वेबसाइट का क्लोन बना सकते हैं। ऐसे में आपको जब भी ऑनलाइन बैंकिंग सर्विस का इस्तेमाल करना हो, तो बैंक की ऑफिशियल वेबसाइट का यूआरएल ही एटर करे। ऑफिशियल यूआरएल बैंक के डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, पासबुक या फिर चेक बुक पर दर्ज होता है। वहा दिए गए बैंक के ऑफिशियल वेबसाइट के यूआरएल का ही इस्तेमाल करके आप बैंकिग सर्विस का इस्तेमाल करें।

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