डायरिया के बारे में उपचार व घरेलू उपाय और डायरिया के बारे में बताएं
डायरिया की समस्या प्रायः तीन से चार दिन में ठीक हो जाती है, लेकिन कई बार इसे नजरअंदाज करना पड़ जाता है भारी......
डायरिया बीमारी क्या है?
आमतौर पर डायरिया गर्मियों में होता है, लेकिन सर्दियों में भी इसके काफी मामले देखे जाते हैं। डायरिया की समस्या बैक्टीरिया, वायरस और दूसरे परजीवियों के द्वारा हो सकती है, लेकिन सर्दियों में होने वाले डायरिया के अधिकतर मामले वायरस के कारण होते हैं। प्रतिवर्ष विश्वभर में लाखों मरीज डायरिया और इससे संबंधित संक्रमण के चलते अपनी जान गंवा देते हैं, जिनमें सबसे अधिक संख्या छोटे बच्चों और नवजात शिशुओं की होती है। डायरिया तब होता है जब आंत की सबसे अंदरूनी परत तरल पदार्थों का अवशोषण नहीं कर पाती। संक्रमण और आंतों की सूजन इसके सबसे प्रमुख कारण हैं। अधिकतर डायरिया अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन इस दौरान शरीर में जल के स्तर को बनाए रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी और अन्य तरल पदार्थों का सेवन बहुत जरूरी है। डायरिया होने पर बार-बार दस्त की समस्या होती है, जिससे शरीर बहुत कमजोर हो जाता है।
छोटे बच्चों में विंटर डायरिया की समस्या बहुत सामान्य है, जो अक्सर वायरस के कारण होती है। रोटा वायरस का संक्रमण इसका सबसे प्रमुख कारण है, लेकिन रोटा वायरस वैक्सीन आने से यह रिस्क काफी कम हो गया है। समय पर वैक्सीनेशन कराकर बच्चों को इस बीमारी से बचाया जा सकता है।
इस तरह करें बचाव
•फिल्टर किया हुआ या उबला पानी प्रयोग में लाएं।
• अपने घर और परिवेश को साफ- सुथरा रखें।
• बच्चों के हाथों की स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें।
• सब्जियों और फलों को अच्छी तरह धुलकर ही इस्तेमाल करें।
• बच्चों को हमेशा ताजा भोजन ही कराएं।
• रखे हुए भोजन का सेवन न कराएं।
इन लक्षणों से पहचानें
दस्त होना विंटर डायरिया का सबसे प्रमुख लक्षण है, लेकिन इसके साथ
कुछ और लक्षण भी बच्चों में दिखाई दे सकते है
•पेट दर्द होना।
•पेट फूलना।
• वजन कम होना।
.• बुखार आना।
• शरीर में दर्द होना।
• अत्यधिक प्यास लगना।
• सामान्य से कम यूरिन पास करना।
प्रमुख कारण
विंटर डायरिया के अधिकतर मामले रोटा वायरस या दूसरे वायरस के कारण होते हैं। ये वायरस संक्रमित पानी या भोजन के द्वारा शरीर में प्रवेश कर जाते हैं।
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