एस्ट्रोनामी में करियर कैसे बनाये।
अंतरिक्ष में सितारों और ग्रहों की अनोखी दुनिया हमेशा से लोगों में ब्रह्मांडको जानने-समझने की उत्सुकता जगाती रही है। रुस, अमेरिका की तरह पिछले कुछ वर्षों से भारत में भी खगोल विज्ञान (एस्ट्रोनामी) के क्षेत्र में अदभुतकामह रहा है।हाल के वर्षों में अंतरिक्ष अभियानों और ग्रहों के अध्ययनको बढ़ावा मिलने से देश-विदेश में करियर के लिहाज से एस्ट्रोनामी में संभावनाएं तेजी से बढ रही हैं। इसक्षेत्र में खुद सक्रिय वरिष्ठ वैज्ञानिक बता रहे हैं खगोल विज्ञान की दुनिया में युवा कैसे आगे बढ़ सकते हैं.........
चांद-सितारों की दुनिया बचपन से हर किसी को लुभाती रही है, चाहे आम इंसान हो या वर्जिन ग्रुप के संस्थापक रिचर्ड ब्रेनसन या फिर अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस। रिचर्ड ब्रेनसन जहां दो दिन पहले 11 जुलाई को वर्जिन गैलेक्टिक क यूनिटी रॉकेट प्लेन से अंतरिक्ष के किनारे तक गए, वहीं जे बेजोस आगामी 2 जुलाई को अंतरिक्ष
के सफर पर जाएंगे।
यूनिटी में भारतीय मूल की शिरिषा बांदला (आंध्र प्रदेश के गुंटूर में जन्मीं) भी गईं जो बचपन से अंतरिक्ष में जाना चाहती थीं। इन निजी अभियानों से काफी पहले रूस अमेरिका आदि देशों द्वारा पिछले कुछ दशकों से अंतरिक्ष के लिए अनवरत अभियान भेजे जाते रहे हैं। यहां तक कि उनके द्वारा अंतरिक्ष में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आइएसएस) तक स्थापित किया गया है, जहां रहकर खगो विज्ञानी अंतरिक्ष के रहस्यों को उजागर करने के लिए निरंतर शोध कर रहे हैं। यही कार है कि तमाम बच्चे-किशोर स्कूली दिनों से ही एस्ट्रोनामी में गहरी रुचि ले रहे हैं।
रहस्यों का संसार:
अंतरिक्ष की दुनिया अपने भीतर तमाम रहस्य समेटे हुए है, जिसके बारे में जानने की उत्सुकता इंसान को रहती है यही कारण है कि अंतरिक्ष विज्ञान हमेशा से बहुत ही रोचक और रोमांचक विषय रहा है। देखा जाए तो आधुनिक खगोल ने भौतिकी एवं खगोलशास्त्र के विभिन्न आयामों को एक नई दिशा दी है। नित नई खोज व आविष्कार से इस विषय के दायरे में बहुत विस्तार हुआ है।
कैसे बनाएं करियर:
एस्ट्रोनामी में करियर बनाने के लिए विज्ञान पृष्ठभूमि का होना जरूरी है। इसके लिए सबसे पहले गणित/भौतिकी/कंप्यूटर विषयों के साथ इंटरमीडिएट पास करना होगा। इसके बाद विज्ञान या तकनीकी विषयों में
स्नातक करके और परास्नातक स्तर पर भौतिकी, गणित या कंप्यूटर विषय में दक्षता प्राप्त करने के बाद विभिन्न संस्थानों द्वारा आयोजित पात्रता प्रवेश परीक्षा भी उत्तीर्ण करनी होगी।
राष्ट्रीय स्तर पर एस्ट्रोनामी शोध प्रवेश परीक्षा:
एस्ट्रोनामी के क्षेत्र में शोध करने के लिए इच्छुक छात्र-छात्राएं ज्वाइंट एंट्रेंस स्क्रीनिंग टेस्ट यानी जेईएसटी या ज्वाइंट एस्ट्रोनामी प्रोग्राम-जेएपी माध्यम से भी शोध छात्र के रूप में करियर की शुरुआत कर सकते हैं। जेईएसटी के बारे में जानकारी https://jest.org.in तथा जेएपी के बारे में www.physics.Misc.ernet.in से प्राप्त की जा सकती है।
प्रमुख शोध संस्थान
● आर्यभट्टप्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान, नैनीताल
www.aries.res.in
● भारतीय ताराभौतिकी संस्थान, बेंगलुरु
https://www.ilap.res.in
● भारतीय विज्ञान संस्थान,बेंगलुरु
https://www.jisc.ac.in
● इंटर यूनिवर्सिटी सेंटरफारएस्ट्रोनामीऐंड
एस्ट्रोफिजिक्स, पुणे
www.iucaa.in
● नेशनल सेंटरफाररेडियोएस्ट्रोफिजिक्स
(टीआइएफआर), पुणे
www.ncra.tifr.res.in
● भौतिकी अनुसंधान प्रयोगशाला, अहमदाबाद
https://prl.res.in
● 13 जुलाई को यानी एक दिन पहले मंगल व शुक्र ग्रह एक-दूसरे के बेहद नजदीक आ गए थे।खगोलीय घटनाओं में रुचि रखने वालों के लिए यह अनोखा नजारा था।
शोध व रोजगार के अवसर
देश में इस समय खगोल भौतिकी खगोलशास्त्र में कार्यरत तमामशोध संस्थाएं (देखें बॉक्स) हैं। इनकी आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर विभिन्न तरह क शोधकार्यों और अवसरों कीजानकारी प्राप्त कर सकते हैं। विभिन्न विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों, आइआइटी, आइसर एनआइटी द्वारा भी अलग से रोजगार समाचार आदि माध्यमों से रोजगार अवसरों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई जाती है।
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