नैनोटेक्नोलॉजी, इंडस्ट्रियल केमिस्ट्री, फोरेंसिक साइंस, बायोकेमिस्ट्री , बायोकेमिकल इंजीनियरिंग करियर कैसे बनाए
अकसर युवा सोचते हैं कि स्नातक में केमिस्ट्री का अध्ययन तभी उपयोगी है, जब फार्मा क्षेत्र में जाना हो। लेकिन तथ्य यह है कि रासायनिक पदार्थों के अध्ययन से संबंधित यह विषय बहुत व्यापक है और इसमें अच्छे करियर की भरपूर संभावनाएं हैं।
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केमिस्ट्री या रसायनशास्त्र का महत्व इसी बात से समझा जा सकता है कि इंटरमीडिएट और स्नातक स्तर पर विज्ञान वर्ग के किसी भी विषय-समूह (बायोलॉजी ग्रुप या मैथ्स ग्रुप) में इसका अध्ययन अनिवार्य है। डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी में केमिस्ट्री के असिस्टेंट प्रोफेसर कहते हैं, दरअसल बायोलॉजी और फिजिक्स जैसे विज्ञान के दूसरे विषयों से भी केमिस्ट्री का गहरा संबंध है।
एडवांस केमिस्ट्री, नैनोटेक्नोलॉजी, फोरेंसिक साइंस, इंडस्ट्रियल केमिस्ट्री आदि समेत केमिस्ट्री की अनेक शाखाएं हैं, जिनका अध्ययन करियर के लिए संभावनाओं के दरवाजे खोलता है।'
कोर्स की कमी नहीं
केमिस्ट्री में सामान्य बीएससी से लेकरटेक्निकल डिग्री तक के कोर्स मौजूद हैं। बीएससी पाठ्यक्रम तीन वर्ष का है, जबकि बीएस-एमएस डुएल और टेक्निकल डिग्रियों के कोर्स चार वर्ष के होते हैं। इनमें दाखिला प्रवेश परीक्षा या इंटरव्यू से होता है। हालांकि कुछसंस्थान मेरिटके आधार पर भी दाखिला देते हैं। आइए, हम केमिस्ट्री के कुछ उन प्रचलित कोर्स के बारे में जानते हैं, जो आपके लिए बेहतर करियर का जरिया बन सकते हैं।
बायोकेमिकल इंजीनियरिंग
केमिकल इंजीनियरिंग की यह शाखा जैविकीय चीजों पर आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल करती है। इसमें बायोलॉजी, केमिस्ट्री और इंजीनियरिंग तीनों के सम्मिलित इस्तेमाल से जैव जगत की रासायनिक बनावट और प्रक्रियाओं का अध्ययन किया जाता है। इसको बायोप्रोसेस इंजीनियरिंग भी कहते हैं।
शैक्षिक योग्यताएं : बायोकेमिकल इंजीनियरिंग का कोर्स चारवर्ष का है। इसमें दाखिला लेने के लिए बारहवीं में साईस स्ट्रीम में न्यूनतम 50 फीसदी अंकों के साथ पास होना जरूरी है। उनके विषयों में केमिस्ट्री का होना भी जरूरी है। इसमें स्नातकोत्तर और पीएचडी भी कर सकते हैं।
संभावनाएं : बायोकेमिकल इंजीनियरों का कार्यक्षेत्र जैव-ईंधन, रंग, स्टेरॉयड, जैव-उर्वरक, एंजाइमं आदि के उत्पादन से जुड़े पिर शोध अध्ययन से लेकर कीमोथेरेपी, खाद्य प्रसंस्करण व फर्मेटेशन प्रोसेस से संबंधित जैव-विश्लेषकों के उत्पादन तक फैला हुआ है। यह क्षेत्र लगातार बदल रहा है। इन्हें टेक्सटाइल मेन्युफैक्चरिंग कंपनियों, हेल्थ केयर सेक्टर, पेपर मेन्युफैक्चरिंग, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, फार्मास्यूटिकल्स, केमिकल प्लांट, फूड इंडस्ट्री आदि में रोजगार मिल सकता है।
बायोकेमिस्ट्री
इसमें जीवों में होने वाली उनसे जुड़ी रासायनिक प्रक्रियाओं का अध्ययन किया जाता है। यह प्रयोगशाला आधारित विज्ञान है, जो बायोलॉजी और केमिस्ट्री को जोड़ता है। इसमें आनुवांशिकी, माइक्रोबायोलॉजी, फोरेंसिक साईस, बॉटनी और चिकित्सा सहित कई विषयों को शामिल किया गया है।
शैक्षिक योग्यताएं: साइंस स्ट्रीम में न्यूनतम 50 फीसदी अंकों के साथ बारहवी पास छात्र स्नातक स्तर पर बायोकेमिस्ट्री ले सकते है। बीएससी के बाद खात्र मास्टर्स डिग्री के लिए बायोकेमिस्ट्री चुन सकते हैं। एमडी के लिए एमबीबीएस डिग्रीधारक छात्र इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
संभावनाएं: यह कोर्स कर चुके छात्र प्रयोग व परीक्षण करने तथा कैंसर, एड्स और मानसिक विकारों जैसे रोगों के लिए इलाज खोजने में सक्षम हो जाते हैं। उन्हें अनुसंधान संस्थानों, अस्पतालों, सरकारी एजेंसियों, सामाजिक व गैर-लाभकारी संगठनों में जॉब मिल सकती है। निजी रिसर्च सेंटर्स में भी नौकरी के अच्छे विकल्प हैं।
फोरेंसिक साइंस
यह आपराधिक और नागरिक कानूनों से जुड़े मामलों की जांच में वैज्ञानिक तकनीक और विधियों के प्रयोग से जुड़ा विषय है। जांचकर्ता इसकी मदद से किसी घटना के सबूतों को परखते हैं और असली अपराधी तक पहुंचते हैं। इस विषय का महत्व और प्रयोग लगातार बढ़ रहा है।
शैक्षिक योग्यताएं : साइंस स्ट्रीम से बारहवीं पास कर चुके छात्र फोरेंसिक साइंस में स्नातक कर सकते हैं। इसमें एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स करके भी फोरेंसिक साइंस के क्षेत्र में प्रवेश ले सकते हैं। मास्टर डिग्री के लिए स्नातक में फिजिक्स, केमिस्ट्री, जूलॉजी, बॉटनी, बायोकेमिस्ट्री आदि विषयों में से किसी एक में कम से कम 50 फीसदी अंक होने चाहिए।
संभावनाएं: फोरेंसिक एक्सपर्टका कोर्स कर चुके छात्रों को लॉ एन्फोर्समेंट एजेंसी, पुलिस विभाग, लीगल सिस्टम, गवर्नमेंट की इन्वेस्टिगेटिव सर्विस औरप्राइवेटएजेंसी में फोरेंसिक साइंटिस्ट के रूप में रोजगार मिल सकता है। कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों में शिक्षण कार्य का मौका भी मिल सकता है।
इंडस्ट्रियल केमिस्ट्री
यह अप्लाइड केमिस्ट्री का एक हिस्सा है। इसका उपयोग रसायन और रासायनिक उत्पादों के निमार्ण के लिए किया जाता है। बढ़ती आबादी को देखते हुए आने वाले समय में दवा उद्योग से लेकर कृषि और अन्य कई क्षेत्रों में इंडस्ट्रियल केमिस्ट्री में प्रशिक्षित पेशेवरों की मांग बढ़ने की संभावना है।
शैक्षिक योग्यताएं: इंडस्ट्रियल केमिस्ट्री व्यावहारिक ज्ञान पर आधारित विषय है। इससे ग्रेजुएशन से लेकर पीएचडी तक किया जा सकता है। अप्लाइड केमिस्ट्री का हिस्सा होने के कारण इसमें कई प्रोफेशनल कोर्स भी उपलब्ध है। इन्हें करने के बाद कोई डिप्लोमा कोर्स नहीं करना पड़ता।
संभावनाएं: इंडस्ट्रियल केमिस्ट्री के पेशेवरों को दवा कंपनियों, पेट्रोकेमिकल वखाद्य-पेय उद्योगों, नैनो-टेक्नोलॉजी व इंजीनियरिंग से संबद्ध संस्थानों आदि में नौकरियां मिल सकती हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में भी काफी अवसर रहते हैं। कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसरशिप के मौके भी मिल सकते हैं।
नैनोटेक्नोलॉजी
यह अणुओं-परमाणुओं की इंजीनियरिंग का विज्ञान है, जो भौतिकी, रसायन, बायो इन्फॉर्मेटिक्स व बायो टेक्नोलॉजी जैसे विषयों को आपस में जोड़ता है।
शैक्षिक योग्यताएं : नैनो टेक्नोलॉजी के लिए उम्मीदवारों को अनिवार्य विषयों के रूप में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स के साथ किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से सीनियर सेकेंडरी पास होना चाहिए। अधिकांश संस्थान इस कोर्स में प्रवेश परीक्षा के जरिये दाखिला देते हैं। स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट स्तर पर कोर्स ज्यादा उपलब्ध हैं। फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथमेटिक्स और लाइफ साइंस में बीटेक की डिग्री रखने वाले छात्र नैनो टेक्नोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं।
संभावनाएं : नैनो प्रौद्योगिकी के पेशेवर चिकित्सा, स्वास्थ्य सेवा उद्योग अनुसंधान, पर्यावरण उद्योग, दवा, कृषि, उत्पाद विकास आदि में अपना करियर बना सकते हैं।
प्रमुख संस्थान
• भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली (आईआईटी)
www.iitd.ac.in
• राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी)
www.nitcouncil.org.in
• सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लैबोरेट्री, कोलकाता
www.labgo.in
• भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान
(आईआईएसईआर) के विभिन्न केंद्र
• डीयू, एएमयू, बीएचय, हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय आदि
इन रूपों में मिलता है काम
- केमिकल इंजीनियर
- एनालिटिकल केमिस्ट
- बायोटेक्नोलॉजिस्ट
- फारसिक साइंटिस्ट
- फार्माकोलॉजिस्ट
- नैनोटेक्नोलॉजिस्ट
- रिसर्च साइंटिस्ट
- हेल्थकेयर साइंटिस्ट
- असिस्टेंट प्रोफेसर
प्रमुख प्रचलित कोर्स
बीएससी इन केमिस्ट्री
• डिप्लोमा कोर्सज इन केमिस्ट्री
•बीटेक
• बीएस-एमएस डुएल डिग्री केमिस्ट्री की विभिन्न उच्च शाखाओं जैसे एडवांस केमिस्ट्री, इंडस्ट्रियल केमिस्ट्री आदि में स्नातक के विकल्प के रूप में उपलब्ध
• एमएससी इन केमिस्ट्री
• एमटेक : केमिस्ट्री की किसी भी उच्च शाखा (जैसे नैनोटेक्नोलाजी, फोरेंसिक साइंस, इंडस्ट्रियल केमिस्ट्री) में विशिष्ट अध्ययन
• एमएस+पीएचडी : केमिस्ट्री की किसी भी उच्च शाखा में हुएल डिग्री के अंतर्गत विशिष्ट अध्ययन और शोध
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