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2022-03-26

आर्थराइटिस - gathiya bai rog hone ke lakshan(symptoms), Karan, Ilaj (Treatment)

आर्थराइटिस (गठिया) के लक्षण कारण , ट्रीटमेंट(उपचार) इन हिंदी




आर्थराइटिस का इलाज क्या है?



घुटने के दर्द को आप अक्सर महसूस करती होगी। सुबह शरीर अकड़ता होगा। झुकने और बैठने में परेशानी होती होगी। इसे हल्के में न लें। यह गठिया की शुरुआत हो सकती है।

आर्थराइटिस क्यों होता है?

रुमेटाइड आर्थराइटिस अब आम बीमारी हो गई है। गठिया का यह प्रकार महिलाओं में ज्यादातर देखा जा रहा है। इसके रोगियों में ऑटोइम्यून थायराइड रोग की व्यापकता होती है। घुटने का गटिया मुख्य रूप से अपक्षयी (डिजनरेटिव) परिवर्तन के कारण होता है, लेकिन कभी-कभी यह अधिक वजन, कूल्हे की नेक्रोसिस (टेढ़ापन), घुटने में चोट लगने से भी हो जाता है। हाइपोथायराइडिज्म जैसी परिस्थिति में वजन वृद्धि की समस्या रहती है, इसलिए ये भी चुटने पर भी असर डालती हैं। इसके रोगियों में उपचार के पहले वर्ष के दौरान ऑटोइम्यून थायराइड रोग बढ़ता दिखाई देता है। वास्तव में, जीवन-शैली की बीमारियों के अलावा गर्भावस्था और स्तनपान के समय महिलाओं के शरीर को अतिरिक्त उर्जा की जरूरत होती है, जो न मिलने पर उनकी हड्डियां प्रभावित हो सकती हैं। अच्छी बात यह है कि ज्यादातर महिलाओं को गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान हडिडयों की समस्या का अनुभव नहीं होता और अगर उस दौरान उनकी हडियां प्रभावित होती हैं, तो समस्या अक्सर आसानी से ठीक हो जाती है। फिर भी मां और उसके बच्चे के अच्छे स्वास्थ्य के लिए गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान महिला को हड्डियों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।


क्या हैं कारण


मोटापा और वजन न केवल बॉडी मास इंडेक्स बढाते हैं, बल्कि खड़े हाने के दौरान यात्रिक तनाव को भी बढ़ाता है, जो जोड़ों की सूजन का कारण होता है। गर्भावस्था के बाद ज्यादातर महिलाओं का वजन बढ़ जाता है, जो घुटनों के दर्द का प्रमुख कारण है। इसके अलावा हाइपोथायराइडिजम सीधे घुटने के गठिया से सबंधित नहीं है, लेकिन बजन में वृद्धि के कारण आम तौर पर जो हाइपोथायरायडिज्म देखा जाता है, वह गठिया का कारण है।


कैसे करें पहचान?


इसमें लगातार घुटने में दर्द, सुबह की अकड़न, कड़कड़ाहट, झुकने और बैठने में कठिनाई जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।


बचाव के तरीके


किसी भी ऐसी गतिविधि से बचें, जो दर्द को बढ़ाती हो। ठंड और गरम पैक का इस्तेमाल करें। अगर पैर हिलना मुश्किल हो, तो सपाट पैरों को ठीक करने के लिए जूता धूप में सुखाएं और भूख व बीएमआई पर ध्यान केंद्रित करें। दर्द और हड्डियों को मजबूती के लिए फिजियोथेरैपी उपचार और आइसोकेनेटिक क्वाड्रीसेप्स एक्सरसाइज बेहतर हैं। कूल्हे की मजबूती के लिए वैडलिंग गेट पैटर्न है।




शक्ति और लचीलेपन में सुधार


हालांकि खेल के दौरान कोलेटरल लिगामेंट इंजरी अक्सर होती है और इससे बचना मुश्किल होता है, लेकिन कई ऐसे कदम हैं, जिनसे आप अपने घुटनों की संपूर्ण शक्ति और लचीलेपन में सुधार कर सकती हैं। मसलन, अपने वजन को नियंत्रित करें। साथ ही व्यायाम करने से पहले स्ट्रेचिंग आपके वार्म-अप का नियमित हिस्सा होना चाहिए। हालांकि इसमें अधिक स्ट्रेचिंग न करें। स्ट्रेच करते समय कभी भी हाथों से पैर पर जोर से धक्का न दें और वार्म-अप के दौरान बैठने से बचें। इसके साथ ही गद्देदार और फिट एथलेटिक जूते घुटनों पर पड़ रहे भार के प्रभाव को कम कर देते हैं।

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