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2022-03-09

साइबर सिक्योरिटी के बारे में जानकारी - cyber hygiene kya hai aur cyber hygiene guidelines in hindi

साइबर सिक्योरिटी के बारे में जानकारी या साइबर हाइजीन गाइड लाइन टिप्स के बारे मे जानकारी 




बीमारियों से बचने के लिए जिस तरह हम साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखते हैं,उसी तरह आज के समय में बढ़ते साइबर खतरों से बचने के लिए साइबर हाइजीन जरुरी है। साइबर खतरों के प्रति जागरुक न होने की वजह से ही लोग साइबर फ्रॉड के शिकार हो जाते हैं। इसके प्रति देश के लोग जागरुक हों,इसके लिए नेशनल साइबर सिक्योरिटी अलायंस' द्वारा अक्टूबर माह को नेशनल सिक्योरिटी अवेयरनेस के तौर पर मनाया जाता है।जानिए,साइबर हाइजीन के लिए क्या है जरूरी...


इंटरनेट ने लोगों के लिए जिंदगी की राह को आसान बना दिया है,
लेकिन यहां पर आपकी थोड़ी-
सी लापरवाही से बड़ा नुकसान हो सकता है।
हाल ही में देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार
(एनएसए) ने भी कहा था कि साइबर हाइजीन
के प्रति सीमित जागरूकता की वजह से ही साइबर
क्राइम में घटनाओं में 500 फीसद की वृद्धि हुई है।
आपको बता दें कि इंटरनेट उपयोगी व सुविधाजनक
होने के बावजूद सुरक्षित नहीं है। यहां साइबर
क्रिमिनल्स आपकी हर गतिविधि पर नजर रखते
हैं। अगर थोड़ी-सी गलती हुई, तोआप जालसाजों
के चंगुल में होंगे। इसलिए जिस तरह बीमारियों से
बचने के लिए आप अपने आसपास साफ-सफाई
का खयाल रखते हैं, उसी तरह साइबर हाइजीन के
तरीकों को भी डेली प्रैक्टिस में लाएं, ताकि साइबर
जोखिम को कम किया जा सके।

पासवर्ड जांचें और बदलें: पासवर्ड जितना जटिल
और लंबा होगा, हैकर्स के लिए उसे क्रैक करना
उतना ही मुश्किल होगा। आमतौर पर पासवर्ड के
लिए लेटर्स, नंबर्स, कैरेक्टर्स का संयोजन अच्छा
माना जाता है। बच्चों के नाम, जन्मदिन या किसी
अन्य व्यक्तिगत डिटेल को पासवर्ड में शामिल न
करें, क्योंकि हैकर्स इसे सोशल मीडिया से हासिल
कर सकते हैं। पासवर्ड जितना लंबा और कठिन
होता है, उसके गलत हाथों में पड़ने की आशंका
उतनी ही कम होती है। साथ ही, पुराने पासवर्ड को
रीसाइकल करने से बचें। एकाउंट की सिक्योरिटी के
लिए मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल कर
सकते हैं। यह एकाउंट को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान
करता है। आपके द्वारा बनाया गया पासवर्ड स्ट्रॉन्ग
है या नहीं, इसे जांचने के लिए नोर्डपास को ट्राई कर
सकते हैं। यह फ्री ऑनलाइन पासवर्ड स्ट्रेंथ चेकर
टूल है।

डाटा का बैकअप है जरूरी: तमाम सुरक्षा उपायों
के बावजूद रैंसमवेयर का खतरा बढ़ता ही जा रहा
है। कई बार हैकर कंप्यूटर को लॉक कर देते हैं, तो
कभी उनकी बात न मानने पर वे डाटा डिलीट करने
की धमकी देते हैं। इस तरह के साइबर अटैक के
लिए अक्सर फिशिंग ईमेल और ऑनलाइन फेक
विज्ञापन का सहारा लिया जाता है। इसलिए बेहद
जरूरी है कि आप अपने डाटा का बैकअप रखें।
डाटा बैकअप के लिए एक्सटर्नल ड्राइव के साथ
क्लाउड स्टोरेज की मदद भी ले सकते हैं।

एंटीवायरस का इस्तेमाल : डिवाइस के लिए अच्छे
एंटीवायरस टूल का इस्तेमाल करना बहुत जरूरी
है। यह एंटीवायरस रैंसमवेयर, स्पाईवेयर आदि से
जुड़े खतरों को कम करता है। आज भी बहुत सारे
यूजर्स ऐसे हैं, तो एंटीवायरस के लिए पैसा खर्च
नहीं करना चाहते, लेकिन आपको बता दें कि पेड
एंटीवायरस सॉफ्टवेयर में आपको कहीं बेहतर
फीचर्स मिलते हैं। अगर पैसा खर्च नहीं करना है,
तो कुछ फ्री एंटीवायरस सॉफ्टवेयर की भी मदद
ले सकते हैं। अवास्त एंटीवायरस का इस्तेमाल
पीसी और स्मार्टफोन के लिए कर सकते हैं। इसके
अलावा, अवीरा, नॉर्टन सिक्योरिटी, बिटडिफेंडर,
आदि का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।

सॉफ्टवेयर को रखें अपडेट: फोन या पीसी नया हो
या फिर पुराना, नियमित रूप से सॉफ्टवेयर अपडेट
बहुत जरूरी है। इससे डिवाइस में मौजूद खामियों
को ठीक करने में मदद मिलती है, अन्यथा आप
हैकर्स के लिए अपने डिवाइस में एक रास्ता छोड़
देते हैं। सॉफ्टवेयर अपडेट सिर्फ ऑपरेटिंग सिस्टम
पर ही नहीं, बल्कि ब्राउजर और मीडिया प्लेयर्स जैसे
एप्स पर भी लागू होता है। बेहतर होगा कि आप

ऑटो-अपडेटिंग की सुविधा को बरकरार रखें, जो
अब अधिकांश सॉफ्टवेयर के साथ आता है। जिस
सॉफ्टवेयर का आप इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं और
उसका सॉफ्टवेयर अपडेट भी नहीं मिल रहा है,
उसे अपने सिस्टम से हटा देना ही बेहतर होगा।
अपने वायरलेस राउटर, स्मार्ट टीवी और स्मार्ट होम
डिवाइस को भी अपडेट करना न भूलें। कुछ इंटरनेट
ऑफ थिंग्स डिवाइस में जहां ऑटोमैटिक रूप से
अपडेट की सुविधा मिलती है, वहीं कुछ में फोन के
माध्यम से करना पड़ता है।


डिवाइस को करें एनक्रिप्ट

डाटा सिक्योरिटी के लिए जरूरी है कि आप डिवाइस को
भीएनक्रिप्ट करें, क्योंकि फोन, लैपटॉप, मेमोरी काइर्स,
फ्लैश ड्राइव आदि में भी लोग संवेदनशील डाटा रखते
हैं।अच्छी बात यह है कि अधिकतर
डेक्सटॉप और मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम फुलडिस्क एन्क्रिप्शन को सपोर्ट करता है यानी अपने फ़ोन, कंप्यूटर, फ़्लैश ड्राइव आदि को एनक्रिप्ट कर सकते है। फूल डिस्क एनक्रिप्ट को इनेबल करने से
फिजिकल डिवाइस के चोरीहोजाने पर भी डाटा सुरक्षित
रहेगा। आइओएस वर्जन या फिरइसके ऊपरके
वर्जन और नएएंड्रॉयड डिवाइस एनक्रिप्शन फीचरके
साथ आते हैं। अगरलैपटॉप और रिमूवेबल मीडिया की
बात करें, तो यहइस बात परनिर्भर करता है कि यह
किस ऑपरेटिंग सिस्टम पर रन करता
है।विडोज के लिए बिटलॉकरएक अच्छा
विकल्प हो सकता है। इससे हार्ड ड्राइव
और रिमूवेबल स्टोरेज को आसानी से
एनक्रिप्ट कर सकते हैं। मैकओएस एक्स
के लिए फाइल वॉल्ट का इस्तेमाल किया
जा सकता है।


नेटवर्क फायरवॉल का करें उपयोग

साइबरहाइजीन के लिए नेटवर्क फॉयरवॉल का
उपयोग करना चाहिए।यहनेटवर्क सिक्योरिटी के लिए
बहुत जरूरी है। यह अनधिकृत यूजर्स को आपकी
वेबसाइट, मेल सर्वर व अन्य सूचनाओं तक पहुंचने
से रोकता है। इसके अलावा, वायरलेस नेटवर्क की
सुरक्षा करना भी न भूलें ।यह सुनिश्चित करलें कि
आपका राउटर आपके नेटवर्क के माध्यम से भेजी गई
जानकारी को हाई लेवल प्राइवेसी के लिए WPA2 या
WPA3 एनक्रिप्शन की सुविधा प्रदान करता हो।इसके
अलावा, पब्लिक औरफ्री वाई-फाई के लालच से बचें।
अगरइस्तेमाल करते भी हैं, तो सेफ्टी के लिए वीपीएन
(वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) का इस्तेमाल जरूर करें।



याद रखें ये जरूरी बातें...

• गृह मंत्रालय, भारत सरकार के साइबर
सिक्योरिटी ट्विटर हैंडल 'साइबरदोस्त'
के मुताबिक, बुक्स, मूवीज, सॉन्स आदि
को फ्रीवाले वेबसाइट्स औरएप्स से
डाउनलोड करने के दौरान सावधान रहना
चाहिए।फ्री एप्स और वेबसाइट डाटा की
चोरी करने के साथ कंप्यूटर व मोबाइल
फोन को डैमेजभीकर सकते हैं।
•साइबर सेफ्टी के लिए
लेटेस्ट सिक्योरिटीटूल्स
जैसे कि फायरवॉल,
एंटीवायरस का इस्तेमाल
करना चाहिए। इससे
डाटा के साथ प्राइवेसीभी
सुरक्षित रहेगी।
डिजिटल वॉलेट


औरनेटबैंकिंग के लिए एक ही तरह के
पासवर्ड का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
ट्रांजैक्शन पूरा हो जाने के बाद डिजिटल
वॉलेट को लॉगआउट करना न भूलें । नेट
बैंकिंग का इस्तेमाल करते हैं, तो पासवर्ड
को नियमित रूप से बदलते रहें। पासवर्ड
किसी के साथ साझा न करें। इसके
अलावा, पासवर्ड को ऑनलाइन के बजाय
आफलाइन रखें, तो बेहतर होगा।
• नेट बैंकिंग का उपयोग सार्वजनिक
कंप्यूटरपर बिल्कुल न करें।अगर करना
जरूरी है, तो कंप्यूटर से कैशे, ब्राउजिंग
हिस्ट्री व टेंपरेरी फाइल डिलीट करनान
भूलें। इसके अलावा, लॉगइन के दौरान
किसी भी ब्राउजरमें रिमेंबरआइडीऐंड
पासवर्ड पर क्लिक न करें। इससे आइडी
और पासवर्ड ब्राउजर पर सेव हो जाएगा।




• अपनी लॉगइन आइडी औरपासवर्ड
का इस्तेमाल बैंक के लॉगइन पेजपरही
करें। सुनिश्चित कर लें कि यूआरएल की
शुरुआतhttps://से हो रही हो।
•एटीएम का पिन नियमित अंतराल
परबदल दिया करें। साथ ही,कार्ड पर
मोबाइल अलर्ट एक्टिव करके रखें।
मोबाइल में कार्ड की फोटोखींचकरन
रखें। ऑनलाइन खरीदारी के लिए कम
बैलेंस वाले कार्ड काइस्तेमाल करें।

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