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2022-03-19

इम्युनिटी पावर कैसे बढ़ाएं घरेलू उपाय | शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ाए इन हिंदी

प्रतिरोधक क्षमता - इम्युनिटी कैसे बढ़ाये क्या खाये?


स्वस्थ शरीरकी बुनियाद हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता से बनती है। यह बात मेडिकल साइंस से ही नहीं कोविड संक्रमण में भी साबित हुई। अतः स्वस्थ रहने के लिए खान-पान पर देना है ध्यान, अपनानी है सुव्यवस्थित जीवनशैली और बनाए रखनी है शारीरिक सक्रियता...

इम्युनिटी पावर या प्रतिरोधक क्षमता क्या होता है ?

दुनिया में अनगिनत जीव-जंत हैं, जो बिना चिकित्सा के ही कई तरह की बीमारियों व चोट से खुद ही ठीक हो जाते हैं। उन्हें पता है कि खुद की रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ाई जाए यानी जब तक हमें अपनी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए कारगर उपाय पता नहीं होंगे, हम बीमारियों से अपनी रक्षा नहीं कर पाएंगे। इसलिए बस यह ध्यान रखा जाए कि हमारी जीवनशैली प्रकृति के अनुकूल हो। ऐसा होने पर कई तरह की बीमारियों के प्रति हमारी प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति जरूरी है। योग-प्राणायाम इसका एक सफल वैज्ञानिक प्रमाणिक माध्यम है।

कोरोना काल में परंपराओं ने बचाया: 


भारत जैसे परंपरावादी देश में कोरोना का उतना प्रभाव नहीं पड़ा जितना विकसित देशों में इसका दुष्प्रभाव देखने को मिला है। इसका कारण हमारी सांस्कृतिक एवं परंपराओं वाली जीवनशैली है, जो कहीं न कहीं रोग प्रतिरोधक क्षमता से सीधे जुड़ी है। सिर्फ कोरोना ही नहीं सभी बीमारियों की सीधी लड़ाई हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता से ही होती है। इसलिए शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कायम रखना जरूरी है। इसके लिए हमें खानपान के साथ ही जड़ी-बूटियों का भी सहारा लेना पड़ सकता है। अश्वगंधा, गिलोय, तुलसी, हल्दी, आंवला इत्यादि इम्युनिटी को बढ़ाते हैं। कई बार लोगों के शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है। इस कमी को पूरा करने के लिए हमें सुबह धूप में खड़े होकर सूरज की रोशनी लेनी चाहिए। इससे शरीर स्वस्थ और स्फूर्तिवान बनेगा।


अपनाएं सुरक्षा के उपाय


भले ही आपकी इम्युनिटी मजबूत है, आप कोरोना संक्रमण से बचे है, लेकिन यह मत भूलें कि खतरा अभी टला नहीं है। यह ऐसा वायरस है, जिस पर शोध जारी हैं, लेकिन कुछ भी स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता है। बेशक, आपने संक्रमण से बचने के सारे उपाय आजमाए हैं तो इसका लाभ भी मिला है। बच्चों में जहा स्वच्छता काभाव आया है, वहीं जिन लोगों ने मास्क, सेनेटाइजर और शारीरिक दूरी का पालन किया है, वे अन्य बीमारियों के खतरों से बचे भी हैं। कोरोना संक्रमण काल ने जिंदगी जीने का तरीका भी सिखाया है। इससे बचने के जो उपाय अपनाए जा रहे हैं, उनसे अन्य बीमारियों का भी खतराकम हो रहा है। इसलिए जरूरी है कि संक्रमण के सारे बचाव अपनाए जाएं और इसे जिंदगी की जरूरत समझा जाए।ध्यान दे तो आपके आस पास ऐसे ढेरों उदाहरण मिल जाएंगे कि लोगों ने संक्रमण से बचाव के उपाय आजमाए तो वे अन्य संक्रमणों से बचे रहे. इसलिए यह संकल्प लें कि हमें आगे भी पूरी सजगता के साथ रहना है।


कोरोना काल में घरेलू नुस्खे आए कामः 


कोरोना काल में जब दवाई नहीं थी, तब भारत सरकार ने एहतियातन सक्रियता दिखाते हुए लोगों को अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए.कई कारगर उपाय बताए। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने लिए आयुष मंत्रालय ने सुझाव दिया था कि सुबह एक चम्मच च्यवनप्राश का सेवन करें। लोगों ने इसे अपनाया और इसके परिणाम भी देखने को मिले। आज अधिसंख्य लोगों ने हल्दी, दूध का मिश्रण लेना शुरू कर दिया है। 150 मिली लीटर गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर दिन में एक या दो बार पीने से इम्युनिटी मजबूत बनती है। वैसे भी रसोई में हल्दी से बढ़िया कोई दवा नहीं है। हल्दी दर्द निवारक भी है। तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, अदरख और मुनक्के से बनी हर्बल चाय या काढ़ा पीने से भी इम्युनिटी बनती है।

सुरक्षा कवच है रोग प्रतिरोधक क्षमता


बढ़ती उम्र, मधुमेह, उच्च रक्तचाप तथा आधुनिक जीवनशैली के कारण दूसरी संक्रामक बीमारियों की
गिरफ्त में आने की आशंका ज्यादा रहती है। खासकर कोरोना जैसे संक्रमण की जिसकी कोई कारगर दवाई नहीं है, वहां योग, जीवनशैली में परिवर्तन और आत्मविश्वास काम करता है। यह न केवल संक्रमण, बल्कि ढेर सारी बीमारिया, यहां तक कि कैंसर से भी बचा सकता है। इसीलिए हमें हर हाल में रोग प्रतिरोधक क्षमता का सुरक्षा कवच बनाए रखना है।


विटामिन सी का हो रहा सेवनः 


विटामिन सी को इम्युनिटी बूस्टर कहा जाता है। इसलिए कोरोना काल में खट्टे फलों का सेवन उन लोगों ने भी शुरू कर दिया,जो कभी इस पर ध्यान नहीं देते थे। संतरा, मौसमी, स्ट्राबेरी, नींबू और आंवला में विटामिन सी की भरपूर मात्रा होती है और यह शरीर में श्वेत रक्त कोशिकाओं का निर्माण करती है। ये कोशिकाएं संक्रमण से लड़ने मदद करती हैं। कफ और खांसी के इलाज में अदरक बहुत कारगर है। अदरक का सेवन फ्लू से बचाता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए भी अदरक का सेवन सब्जी, चाय, काढ़ा आदि में किया जाता है। यह कोलेस्ट्राल को भी नियंत्रित रखती है और पुराने दर्द को कम करने का गुण इसमें पाया जाता है। वास्तव में रसोई में प्रयोग होने वाले ये मसाले रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में बहुत ही कारगर हैं।

पोषक तत्वों से भरपूर पालक : 


हरी सब्जियां पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं। इनमें पालक बहुत गुणकारी है। यह विटामिन सी का बेहतर स्रोत है। इसमें कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली क मजबूत करते हैं। पालक को धीमी आंच में पकाना चाहिए, नहीं तो इसमें मौजूद पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं।


इम्युनिटी बढ़ाए लहसुनः 


लहसुन रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है। यह निम्न रक्तचाप में भी उपयोगी है। लहसुन धमनियों को सख्त बनाने में भी काफी मदद करता है। लहसुन में एलिसिन पाया जाता
है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है। हरी सब्जियां, सूखे मेवे, फल इत्यादि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में बहुत सहायक हैं। जीवनशैली की बात करें तो इसके लिए सबसे पहले खानपान सही रखना होगा और फिर तनाव मुक्त रहने की बारी आएगी। ये सब कहीं न कहीं हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक हैं। प्रकृति के शोषण के बदले संतुलित दोहन की नीति
से हमारी जीवनशैली संचालित हो तो हम हर बीमारी पर विजय पाकरएक बेहतर स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।


शरीर को सक्रिय बनाए रखें:


व्यस्तता के बीच अपनी उम्र और सेहत के हिसाब से व्यायाम को दिनचर्या का हिस्सा बनाना ही होगा।योग और प्राणायाम हमें सिर्फ बाहर से ही नहीं आंतरिक रूप से भी मजबूत करते हैं। खानपान के साथ व्यायाम करने से अच्छी इम्युनिटी बनती है।

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