ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (OCD) क्या होता है
सनकपन एक प्रकार का मनो रोग है। इसमें व्यक्ति के दिमाग में शक, वहम आदि नकारात्मक प्रवृत्तियां बैठ जाती हैं। इस मनोरोग को दूर किया जा सकता है....................
ऑब्सेशन (सनकपन) एक ऐसा मनोरोग है,
जिसके चलते रोगी के मन में बार-बार परेशान
करने वाले फालतू विचार आते हैं। सच्चाई के
विपरीत ऐसे विचार रोगी के मन में वहम के रूप
में बसे रहते हैं। जैसे, कहीं मुझे कैंसरतो नहीं? या
कहीं मेरे बच्चे के साथ कोई दुर्घटना न हो जाए।
बार-बार आने वाले इन विचारों को मन से हटाने
के लिए रोगी अनेक प्रकार की बार-बार दोहराने
वाली सनकपन से संबंधित हरकतें करते हैं, जिसे
मेडिकल भाषा में 'कम्पलशन' कहते हैं। यह
रोग किसी भी आयुवर्ग के व्यक्ति को हो सकता
है।
न्यूरोकेमिकल की कमी
ऑब्सेशन के कारण आनुवांशिक भी हो सकते
हैं, लेकिन इसका एक प्रमुख कारण रोगी के
मस्तिष्क में सेरोटोनिन जैसे न्यूरो केमिकल की
कमी होना है। इस कमी के चलते रोगी हर काम
में उलझता है और किसी भी काम को भलीभांति
करने के बावजूद रोगी को तसल्ली नहीं होती और
वह बार-बार उसी कार्य को दोहराता है।
व्यर्थ विचारों की उलझन
रोगी के मन में बार-बार ईश्वर और परिजनों के
प्रति अशालीन विचार आते हैं। इन विचारों के
चलते रोगी को गंभीर अपराधबोध भी होता है,
लेकिन उसे ये विचार लगातार सताते रहते हैं।
इलाज के बारे में
• इस रोग के इलाज में मनोचिकित्सा और दवाएं, इन दोनों का ही प्रमुख स्थान है।
• चूंकि इस रोग के चलते रोगी का सामाजिक और व्यावसायिक जीवन पूर्णतः नष्ट हो जाता है। इसलिए इस रोग का इलाज कराना अनिवार्य होता है।
• मनोचिकित्सा के दौरान रोगी के परिजनों
की सहायता से रोगी के मन में आने
वाले नकारात्मक व विकृत विचारों की पहचान
कराई जाती है। इसके बाद रोगी को इन विचारों
से न बचने की भी सलाह दी जाती है और
साथ में उलझन से निपटने की
सही मनोवैज्ञानिक तकनीक
सिखाई जाती है।
• दवाओं के सेवन से रोग पर नियंत्रण जल्दी हो जाता है।
लक्षण
दूषित होने का वहमः रोगी को बार-
बार यह लगता है कि शौचालय में, घर में
या रोड पर उसे गंदगी लग गई है। इसलिए
मरीज काफी देर तक नहाता है या हाथ-पैर
धोता है।
गंभीर बीमारी का शकः मरीज को
बार-बार यह लगता है कि उसे कैंसर, एड्स
या हॉर्ट अटैक या कोई गंभीर संक्रमण हो
गया है। इसलिए बार-बार डॉक्टरों से
परामर्श लेता है और जांचें कराता है।
सुरक्षा में चूक का वहमः रोगी को
लगता है कि उसने घर या दुकान का ताला
खुला छोड़ दिया है या उसकी गाड़ी खुली
रह गई है या रसोई में गैस या चूल्हा चालू
हालत में खुला छूट गया है।
हिसाब में चूक का वहमः रोगी को
ऐसा लगता है कि उसने रुपए और पैसे
गलत गिने हैं या हिसाब गलत लग गया है।
ऐसे में रोगी बार-बार रुपए गिनता है लेकिन
उसे तसल्ली नहीं होती है।
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