वात पित्त और कफ को कैसे दूर करें या वात पित्त और कफ का दूर करने का घरेलू आयुर्वेदिक उपचार व इलाज
वात पित्त कफ क्या होता है?
आयुर्वेद की मान्यता है कि कोई भी बीमारी शरीर में वात, पित्त और कफ के असंतुलन के कारण होती है। चातुर्मास में इन तीनों की तीव्रता बढ़ जाती है, फलस्वरूप पाचन क्रिया कमजोर पड़ना, गैस व एसिडिटी जैसी समस्याएं जन्म लेती हैं। इनका एक ही समाधान है कि वात, पित्त और कफ में संतुलन बनाएं। इसके लिए आहार और शारीरिक व्यवहार में संयम व अनुशासन जरूरी हो जाता है।
सुपाच्य भोजन करें:
कम तेल, मिर्च, मसाले वाला हल्का सुपाच्य भोजन पाचन तंत्र ठीक रखने में सहायक है। पित्त पाचन क्रिया में सहायक है और उसकी तीव्रता दिन में अधिक व रात्रि में क्षीण पड़ जाती है। इसलिए विशेषकर इस मौसम में देर रात्रि भोजन करने से बचना चाहिए। बेहतर होगा कि आहार संध्या समय ही कर लें ताकि पाचन दुरुस्त रहे।
हरी पत्तेदार सब्जियों के सेवन से बचें :
बारिश के दिनों में मौसम में नमी के कारण बैक्टीरिया पनपते हैं। इस मौसम में साग व हरी पत्तेदार सब्जियों के सेवन से दूर रहना लाभकारी है। दरअसल इस मौसम में पत्तेदार सब्जियों में बेहद सूक्ष्म कृमि की मौजूदगी की वजह से ऐसा करने की सलाह दी जाती है। कई बार सब्जियों को ठीक से न धोए जाने के कारण वे आहार के साथ शरीर में पहुंचकर आपको बीमार बना सकती हैं।
दूध से बने उत्पादों का सेवन करें:
बारिश के दिनों में दूध के बजाय इससे बने उत्पादों का सेवन करना चाहिए। इस मौसम में दूध में बैक्टीरिया शीघ्र पनपते हैं, किंतु जब भली प्रकार पकाकर उसका सेवन किया जाता है तो वह शरीर के लिए गुणकारी होता है। रात में दही के सेवन से बचना चाहिए अन्यथा जुकाम हो सकता है।
पानी उबालकर पिएं:
वर्षाकाल में नदियों व जल के अन्य स्रोतों में धूल कण व मिट्टी घुल जाती है। यह दूषित जल शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए इस मौसम में पानी सदैव उबालकर पीना चाहिए।
सुबह के समय ताजी हवा फेफड़ों के लिए अत्यधिक लाभप्रद है। इसलिए सूर्योदय से पूर्व उठने व प्राणायाम करने का नियम बना लें।योगव प्राणायाम करने से हमारा शरीर ऊर्जावान बनता है और रक्त संचार बेहतर होता है। जब शरीर में भरपूर आक्सीजन पहुंचती है तो विभिन्न अंग सुचारू रूप से कार्य करते हैं और हम रोग मुक्न बने रहते हैं।
सूर्योदय से पहले उठे
सुबह के समय ताजी हवा फेफड़ों के लिए अत्यधिक लाभप्रद है। इसलिए सूर्योदय से पूर्व उठने व प्राणायाम करने का नियम बना लें।योगव प्राणायाम करने से हमारा शरीर ऊर्जावान बनता है और रक्त संचार बेहतर होता है। जब शरीर में भरपूर आक्सीजन पहुंचती है तो विभिन्न अंग सुचारू रूप से कार्य करते हैं और हम रोग मुक्न बने रहते हैं।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें
Thanks You Guys
Please Share This Link