स्पाइनल डिस्क इलाज (ट्रीटमेंट) क्या है?
स्पाइनल डिस्क के असहनीय दर्द से जुझ रहे मरीजो के लिये परक्यूटेनस डिस्क न्यूक्लियोप्लास्टी साबित हो रही है कारगर.......
मरीजों में इस तरह के उपचार से समस्या का हल नहीं निकलता है। ऐसे मरीजों के लिए परक्यूटेनस डिस्क न्यूक्लियोप्लास्टी एक बेहतरीन उपचार पद्धति है।
ऐसे की जाती है यह सर्जरी:
परक्यूटेनस डिस्क न्यूक्लियोप्लास्टी एक मिनिमल इनवेसिव यानी कम से कम चीड़फाड़ के साथ की जाने वाली सर्जरी है, जिसमें उभरी हुई या हेर्निएटिड डिस्क की मात्रा घटाई जाती है। यह विधि छोटी हेर्निएटिड या उभरी हुई
डिस्क, जो डिस्क की मजबूत फाइबर रिंग से टूटी न हो, उसके उपचार में लाभदायक होती है। जबकि ओपन सर्जरी के माध्यम से इसका उपचार संभव नहीं है। परक्यूटेनस सर्जरी ऐसी सर्जरी है, जिसे त्वचा में बेहद छोटे चीरों के माध्यम से किया जाता है। इसमें सुइयों के प्रयोग से डिस्क के फैलाव को कम किया जाता है। इस सुई को रेडियोफ्रीक्वेंसी उपकरण की सहायता से डिस्क के बीच में भेजा जाता है, जहां यह डिस्क में मौजूद अनावश्यक पदार्थ को हटाने का काम करती है। इससे डिस्क की बाहरी दीवार पर पड़ रहे दबाव में राहत मिलती है और डिस्क के फैलाव में कमी आती है।
कारगर के साथ फायदेमंद भी
न्यूक्लियोप्लास्टी थर्मल कोब्लेशन के द्वारा भी किया जा सकता है। इसमें लेजर की हल्की सिंकाई के परिणामस्वरूप संकुचन के साथ-साथ डिस्क का फैलाव कम हो जाता है और संकुचित तंत्रिका खुल जाती है। इससे पैर और पीठ में हो रहे दर्द से राहत मिल जाती है।
इस प्रक्रिया को इंट्राडिस्कल इलेक्ट्रोथर्मल थेरेपी (आई.डी. टी.) कहा जाता है। इसमें मरीज सर्जरी के तुरंत बाद घर वापस जा सकता है। यही नहीं इसमें एनेस्थीसिया की भी जरूरत नहीं पड़ती है, इसलिए यह सुरक्षित और कारगर सर्जरी है। इसमें किसी भी तरह से रक्तस्राव न होने की वजह से इसे बुजुर्ग भी करवा सकते हैं। इसीलिए मेडिकल साइंस में न्यूक्लियोप्लस्टी स्पाइन के मरीजों के लिए एक नई उम्मीद माना जा रहा है।
डिस्क, जो डिस्क की मजबूत फाइबर रिंग से टूटी न हो, उसके उपचार में लाभदायक होती है। जबकि ओपन सर्जरी के माध्यम से इसका उपचार संभव नहीं है। परक्यूटेनस सर्जरी ऐसी सर्जरी है, जिसे त्वचा में बेहद छोटे चीरों के माध्यम से किया जाता है। इसमें सुइयों के प्रयोग से डिस्क के फैलाव को कम किया जाता है। इस सुई को रेडियोफ्रीक्वेंसी उपकरण की सहायता से डिस्क के बीच में भेजा जाता है, जहां यह डिस्क में मौजूद अनावश्यक पदार्थ को हटाने का काम करती है। इससे डिस्क की बाहरी दीवार पर पड़ रहे दबाव में राहत मिलती है और डिस्क के फैलाव में कमी आती है।
कारगर के साथ फायदेमंद भी
न्यूक्लियोप्लास्टी थर्मल कोब्लेशन के द्वारा भी किया जा सकता है। इसमें लेजर की हल्की सिंकाई के परिणामस्वरूप संकुचन के साथ-साथ डिस्क का फैलाव कम हो जाता है और संकुचित तंत्रिका खुल जाती है। इससे पैर और पीठ में हो रहे दर्द से राहत मिल जाती है।
इस प्रक्रिया को इंट्राडिस्कल इलेक्ट्रोथर्मल थेरेपी (आई.डी. टी.) कहा जाता है। इसमें मरीज सर्जरी के तुरंत बाद घर वापस जा सकता है। यही नहीं इसमें एनेस्थीसिया की भी जरूरत नहीं पड़ती है, इसलिए यह सुरक्षित और कारगर सर्जरी है। इसमें किसी भी तरह से रक्तस्राव न होने की वजह से इसे बुजुर्ग भी करवा सकते हैं। इसीलिए मेडिकल साइंस में न्यूक्लियोप्लस्टी स्पाइन के मरीजों के लिए एक नई उम्मीद माना जा रहा है।
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