Skip to content
Search Your Topic In This Blog : I think I written about that.
Radiography, Nursing, Medical Lab Technician And Optometry Mein Career Banaye Ke Options
मेडिकल क्षेत्र में आज डॉक्टर बनने के अलावा नर्सिग रेडियोलॉजी जैसे पैरामेडिकल कोर्स अच्छे करियर विकल्प साबित हो रहे हैं...
अगर आप अपना करियर मेडिकल फील्ड में बनाना चाहते हैं तो डॉक्टर बनने के अलावा और भी बहत से ऑप्शन हैं। अधिकांश युवा एमबीबाएस बीडीएस नहीं कर पाते क्योंकि इनमें सामित सीटे, कडी प्रतिस्पर्धा और मंहगी फीस होती है। मेडिकल क्षेत्र में करियर बनाने के लिए आप पैरामेडिकल से जुड़ा कोई भी कोर्स अपनी रुचि के अनुसार कर सकत है। इन कोर्सेज में रेडियोलॉजी, नर्सिंग, मेडिकल लैब टेक्नीशियन, ऑप्टोमेट्री, रेडियोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी, बायोफिजिक्स, बायोकेमेस्ट्री, बॉटनी, जूलॉजी, माइक्रो बायोलॉजी आदि शामिल हैं। गवर्नमेंट और प्राइवेट सेक्टर में पैरामेडिकल सुविधाओं की दिन-प्रतिदिन बढ़ोत्तरी हो रही है। इसलिए युवाओं को पेरामेडिकल कोर्सेज में बाकी कोर्सेज की तुलना में आसानी से एडमिशन मिल जाता है, साथ ही फीस भी काफी कम होती है।
रेडियोग्राफी
बीमारी की पहचान के लिए कई बार मरीज के शरीर के अंदरूनी हिस्सों की जांच की जाती है, जिसे रेडियोग्राफी कहा जाता है। इसमें मुख्यतः एक्स किरणों का उपयोग होता है। कोर्स- साइंस स्ट्रीम से बारहवीं पास करने के बाद बीएससी इन रेडियोग्राफी कोर्स कर सकते हैं। इसके अलावा सर्टिफिकेट तथा डिप्लोमा कोर्स के भी विकल्प मौजूद हैं।
नर्सिंग
मेडिकल के लगभग हर क्षेत्र में नर्सो की जरूरत होती है। कोर्स- नर्सिंग के फील्ड में करियर बनन के लिए आप 12वीं के बाद बीएससी नर्सिंग कर सकती है। जनरल नर्सिग मिडवाइफरी (जीएनएम) करने के बाद भी आप नर्सिंग के क्षेत्र में जा सकती हो। इस कोर्स के लिए भी साइंस स्ट्रीम से 12वीं कक्षा पास होना जरूरी है।
मेडिकल लैब टेक्नीशियन
उपकरणों के रखरखाव और कई तरह के काम इनके जिम्मे होते हैं। लेबोरेटरी में नमूनों की जांच और विश्लेषण में काम आने वाला घोल भी लैब टैक्निशियन ही बनाते हैं। कोर्स- सर्टीफिकेट इन मैडिकल लैब टेक्नोलॉजी (सीएमएलटी) यह छह महीने का कोर्स है। जिसके लिए 10वीं पास होना जरूरी है। इसके अलावा आप एमएलटी में बाएससी या एमएससी भी कर सकते हैं।
ऑप्टोमेट्री
ऑप्ट्रोमेट्री का पेशा पूरी तरह से आंखों की जांच से जुड़ा होता है। नेत्र रोगों के ऑक्यूलर और विजुअल लक्षणों को पहचानना आंखों को प्रभावित करने वाली ढेरों समस्याओं को समझना तथा रोगियों को उपचार देना इनका मुख्य कार्य होता है। कोर्स बैचलर ऑफ क्लीनिकल ऑप्टोमेट्री डिप्लोमा इन ऑप्थलमिक टेक्निक ऑप्टोमेट्री के प्रमुख कोर्स हैं।
जरूरी कौशल
उचित अवलोकन करने की योग्यता।
आपतकालीन स्थिति में सही निर्णय लेने की क्षमता।
लंबे और अनियमित घंटे काम करने के लिए शारीरिक सहनशक्ति।
- विभिन्न नैदानिक उपकरणों का उपयोग करने में क्षमता।
शैक्षिक योग्यता
अगर स्टूडेंट्स पैरामेडिकल साइंस में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं, तो उनके पास 12वीं क्लास में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ पीसीबी (फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी) तथा फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स का होना जरूरी है। । पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट पैरामेडिसिन में डिग्री डिप्लोमा स्तर के कोर्स कराते हैं। भारत में कई पैरामेडिकल संस्थान इस क्षेत्र में स्नातक, स्नातकोत्तर स्तर पर भी कोर्स कराते हैं।
शुरुआती वेतन
15-30 हजार रुपये प्रतिमाह तक मिल सकता है
प्रमुख संस्थान
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, नई दिल्ली
www.aiims.edu
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज, लखनऊ
http://iipsinstitute.com
दिल्ली पैरामेडिकल एंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट (डीपीएमआई), नई दिल्ली www.dpmiindia.com
क्रैडल इंस्टिट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज, कापसहेड़ा, नई दिल्ली
www.cmi-hm.com
भविष्य की संभावनाएं
पैरामेडिकल साइंस के क्षेत्र में कोर्स करने के बाद सरकारी अस्पतालों, निजी क्लीनकों, आघात केंद्रों (ट्रामा सेंटर) में नौकरी के अवसर पा सकते हैं। जहां आप आसानी से 15 से 30 हजार शुरुआती वेतन पा सकते हैं। अपोलो अस्पताल, एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल आदि जैसे कॉर्पोरेट अस्पतालों के बनने के साथ इन पेशेवरों के दायरे में वृद्धि हुई है। इसके अलावा आप अपनी क्लीनिक भी खोल सकते हैं।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें
Thanks You Guys
Please Share This Link