Sound Engineer Kya Hota Hain?
आवाज को मीडिया के विभिन्न माध्यमों में प्रसारण से पहले खास तकनीक के जरिये उच्च गुणवत्ता वाला बनाया जाता हैा इसे निखारने का काम करते हैं साउंड इंजीनियऱ़.....................
फिल्मों, टीवी या रेडियो पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों की आवाज की क्वालिटी इतनी बेहतर कैसे होती है विभिन्न माध्यामों से जो आवाज आप तक पहुचती है, उसकी क्वालिटी को कौन निखारता होगा चलचित्रों के साथ आवाज को सही रुप में मिक्सिंग करने का काम किसका होता होगा इन तमाम सवालों का जवाब है साउंड इंजीनियर। जो टीवी, रेडियो, सिनेमा,थियेटर,रिकॉर्डिग आदि में साउंड को खास तकनीक के जरिये स्पष्ट और हाई डेफिनेशन यानी उच्च गुणवत्ता का बनाता है। इसके लिए कई तरह के टेक्निकल इंस्ट्रूमेंटस उपयोग किए जाते है।
Sound Engineering Me Career Kaise Banaye?
अगर आपका मन भी साउंड इंजीनियर बनने का है, तो पहले यह जान लें, कि कंप्यूटर और साउंड से जुडे इलेक्ट्रनिक उपकरणों मे कितनी रुचि है साउंड की समझ के साथ-2 सेंस ऑफ पिच, टाइमिंग और रिदम जैसी स्किल्स भी जरूरी है। इसके अलावा साउंड/ऑडियो इंजीनियर को वीडियो टेक्नीशियंस, वीडियो एडिटर्स, कलाकारों और डायरेक्टर्स से बेहतर तालमेल रखने का गुण भी होना जरूरी है, ताकि वे माहौल के अनुसार, जरूरी साउंड को स्पष्ट रखते हुए फिजूल के साउंड को रिकॉर्ड से हटा सके।Sound Engineer Ke Courses and Qualifications
आजकल मीडिया और जनसंचार का क्षेत्र तेजी से आगे बढ रहा है। रेडियो, इंटरनेट,टीवी,थियेटर आदि की बाढ आई हुई है। जाहिर है, इन माध्यमों के लिए साउंड इंजीनियर की मांग भी रहेगी। यानी कॅरियर के लिहाज से यह क्षेत्र आपके लिए बेहतर हो सकता है। सीनियर कॅरियर काउंसलर, संजीब कुमार आचार्यकहते कि इंवेट, मीडिया,फिल्म,एंटरटेनमेंट के बढते दायरे के चलते इस क्षेत्र में साउंड इंजीनियरर्स की मा्ंग और बढेगी। इस फील्ड में आप छह माह से लेकर तीन साल तक के डिप्लोमा, सर्टिफिकेट, पीजी डिप्लोमा, बैचलर या मास्टर डिग्री हासिल कर सकते है। इस फील्ड में आपको दिन-रात और दूर-दराज के क्षेत्रो में काम करने के लिए तैयार रहना होगा। आजकल स्पोर्ट्स इवेंट्स, म्यूजिक शो, थियेटर, लाइव कन्सर्ट आदि का आयोजन देश-विदेशो में अलग-2 समय पर होता है। इसके लिए डायरेक्टर या प्रोडयूसर की एक पूरी टीम होती है, जिसे कलाकारों के साथ संबंधित जगह पर जाना होता हैा यानी यह क्षेत्र आपसे धैर्य की मांग भी करता है। अगर आप विज्ञान विषय से पीसीएम(फिजिक्स,केमेस्ट्री,मैथ्स) विषयों के साथ 12वीं पास है, तो इस पाठयक्रम के लिए आवेदन कर सकते है। सााउंड इंजीनियरिंग में छात्रो को ऑडियो राइटिंग,साउंड फ्रिक्वेंसी और साउंड स्पेशल इफेक्ट्स आदि के बारे में पढाया जाता है। साथ ही साउंड रिकॉर्डिग,एडिटिंग,मिक्सिंग आदि की तकनीकी व व्यवहारिक जानकारी दी जाती है। पाठयक्रम के दौरान छात्रों को रिकॉर्डिग टूल्स जैसे टेप मशीन,स्पीकर, सिंगल प्रोसंसर,माइक्रोफोन,हेडफोन,माइक,इेलेक्ट्रॉनिक म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट्स आदि का इस्तेमाल करना भी सिखाया जाता है।
Sound Engineer Main Education Institute
फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीटयूट ऑफ इंडिया, पुणे
आईआईटी खडगपुर
सत्यजीत रे फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीटयूट,कोलकाता,पश्चिम बंगाल
एशियन एकेडमी ऑफ फिल्म एंड टीवी,नोएडा, उत्तर प्रदेश
दिल्ली फिल्म इंस्टीटयूट,साउथ एक्सटेंशन,दिल्ली
Career Options In Sound Engineer
इस फील्ड की डिग्री,डिप्लोमा या सर्टिफिकेट हासिल करने के बाद आप इंजीनियर या टेक्नीशियन के रूप में टीवी चैनल्स, फिल्म,रेडियो,स्टूडियो,मल्टीमीडिया डिजाइन,एनिमेशन,विज्ञापन आदि क्षेत्रों में काम कर सकते है। अनुभव होने पर आप खुद का रिकॉर्डिग सटूडियो भी खोल सकते है।
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